लखनऊ : नियमित पदों के सापेक्ष आउटसोर्सिग से काम नहीं लिया जा सकता
विसं, लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को साफ किया कि प्रदेश में नियमित और संस्तुत पदों के सापेक्ष आउटसोर्सिग से काम नहीं लिया जा सकता है। कोर्ट ने राज्य सरकार से इसके लिए हलफनामा मांगा है। अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।
यह आदेश जस्टिस मुनीश्वर नाथ भंडारी व जस्टिस विकास कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने मेसर्स आर एम एस टेक्नोसोल्यूसन्स प्राइवेट लि. की याचिका पर सुनवाई करते दिया। याची ने 25 अक्टूबर 2019 के उस आदेश को चुनौती दी है जिसके जरिये सर्विस प्रोवाइडर के रूप में उसका रजिस्ट्रेशन राज्य सरकार ने रद कर दिया है।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि उसने प्रदेश में नियमित और संस्तुत पदों के सापेक्ष आउटसोर्सिग से कराये जा रहे काम के लिखाफ स्वत: संज्ञान लिया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उमा देवी के मामले में ऐसा करने से सरकारों को मना कर रखा है। कोर्ट ने 20 नवंबर को आदेश जारी कर राज्य सरकार से जवाब तलब किया था किंतु सरकारी वकील बार बार समय ले रहे थे। इस पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव राजस्व व प्रमुख सचिव वित्त हो तलब किया था। आदेश अनुपालन में दोनों अफसर शुक्रवार को कोर्ट में पेश हुए।