लखनऊ : कॉलेजों का रिजल्ट तय करेगा सीटें बढ़ेंगी या नहीं
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : डिग्री कॉलेजों में गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए उच्च शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। खासकर ऐसे निजी डिग्री कॉलेज जहां आए दिन कक्षाएं न होने और तरह-तरह की अन्य शिकायतें मिलती हैं उन पर लगाम कसी जाएगी।
कॉलेजों के रिजल्ट का मूल्यांकन होगा और ऐसे कॉलेज जहां रिजल्ट खराब है, उन्हें विभिन्न पाठ्यक्रम की सीटें बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 40 फीसद से कम रिजल्ट वाले कॉलेजों की निगरानी होगी। अच्छे रिजल्ट के साथ-साथ इन्हें राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से मूल्यांकन करवाने के लिए किए गए आवेदन की प्रति भी प्रस्तुत करनी होगी। वहीं राजकीय डिग्री कॉलेज व अशासकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों को भी नैक मूल्यांकन हर हाल में करवाना होगा, इसके बिना उनकी सीटें भी नहीं बढ़ाई जाएंगी।
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के निर्देश पर सभी डिग्री कॉलेजों को नैक से मूल्यांकन करवाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं इसके साथ-साथ कॉलेजों को अपने रिजल्ट में सुधार की भी कोशिशें करनी होंगी। ऐसे कॉलेज जिन कॉलेजों का अच्छा रिजल्ट है और उन्होंने नैक से मूल्यांकन करवाया है उन्हें नए कोर्स शुरू करने और पुराने चल रहे कोर्सेज में सीटें बढ़ाने की अनुमति प्राथमिकता पर भी दी जाएगी। इससे कॉलेजों के बीच में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी।
अभी प्रदेश में कुल 6531 प्राइवेट डिग्री कॉलेजों में से मात्र 306 ने नैक से मूल्यांकन करवाया है। 159 राजकीय डिग्री कॉलेजों में से 20 कॉलेजों ने और 331 अशासकीय सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में से 85 ने ही नैक से मूल्यांकन करवाया है।
नैक से मूल्यांकन के लिए भी अनिवार्य रूप से करना होगा आवेदन