लखनऊ : अवकाश मेें स्कूलों में शिक्षकों/शिक्षिकाओं की सुरक्षा किसके भरोसे-सनसाइन न्यूज के हवाले से
अमरोहा/लखनऊ। सूबे के जिलाधिकारियों के आदेश पर शीतलहर के चलते सूबे के विभिन्न जिलों में परिषदीय स्कूलों में छात्र-छात्राओं का अवकाश किया गया है जबकि टीचरों को स्कूलों में मौजूद रहकर विद्यालयी/विभागीय कार्य संपादित करने होंगे। ऐसी स्थिति में शिक्षकों/शिक्षिकाओं की सुरक्षा का प्रश्न खड़ा हो जाता है।
सूबे में स्कूलों में शीतकालीन अवकाश को लेकर किसी नीति का निर्धारण नहीं है। यह संबंधित जिले के जिलाधिकारी के विवेक पर निर्भर करता है कि वह मौसम और माहौल को देखकर अवकाश कर सकते हैं। ऐसा ही आजकल हो रहा। हर जिले में अलग अलग प्रकार से अवकाश किया गया है। अब प्रश्न यह उठता है कि सूनसान स्कूल में शिक्षिकाओं की सुरक्षा को कौन जिम्मेदार होगा। बच्चों के सहारे शिक्षिकाओं का समय कट जाता है। लेकिन बिना बच्चों के स्थिति गंभीर है।
इस मुद्दे पर लखनऊ में बेसिक शिक्षा विभाग के मुखिया से बात की गई तो उनका कहना है कि उनका अवकाश से कोई संबंध नहीें है। यह व्यवस्था संबंधित जिले के डीएम और बीएसए को देखनी है।
जिला अमरोहा में जिलाधिकारी के आदेश पर शीतलहर को देखते हुए 26 से 28 दिसंबर का परिषदीय स्कूलों में बच्चों का अवकाश किया गया है लेकिन टीचरों को स्कूल जाकर विभागीय कार्य या विद्यालयी संबंधी कार्य करने हैं।
आला अधिकारियों को शिक्षिकाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर विचार कर समाधान निकालना चाहिए। बच्चों के साथ साथ शिक्षिकाओं का अवकाश किया जाना समाजहित और महिलाओं के हित में कारगर होगा।
साथ ही यह भी शर्त रखी जा सकती है कि विद्यालय या शासन का कोई कार्य उनके अवकाश से प्रभावित नहीं होना चाहिए। उसमें उन्हें सहयोग करना होगा। अगर प्रशिक्षण है तो उसमें भी भाग लेना होगा।
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