हरदोई : खातों में कैद धनराशि, बच्चों का पूरा न हो सका सपना, आपसी खींचतान बनी खरीद में रोड़ा
परिषदीय जूनियर हाई स्कूलों में विद्यार्थियों को विज्ञान विषय में सहयोग और उन्हें किताबी ज्ञान के साथ प्रयोगात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित करने को विज्ञान किट खरीदी जानी थी। प्रति विद्यालय आठ हजार रुपये के हिसाब से जिले को 82 लाख 16 हजार रुपये ग्राम शिक्षा निधि के खातों में भेजे गए थे। शुरूआत में खरीद हुई, लेकिन कुछ जगह मामला फंसा तो सभी ने इससे दूरी बना ली। विद्यालय प्रबंध समिति, विभागीय जिम्मेदारों और कार्यदायी संस्था के बीच सामंजस्य नहीं बना। इससे आज तक उपकरणों की खरीद नहीं हो सकी है और जिले के एक लाख 16 हजार 733 विद्यार्थी लाभ से वंचित है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंतराव का कहना है कि धनराशि काफी पुरानी है। बीईओ से इस धनराशि का विवरण मांगा गया है।
यह खरीदी जानी थी सामग्री : विज्ञान किट में परखनली,बीकर, ब्यूरेट्, पिपेट, स्प्रिट, क्लेप, केमिकल आदि की खरीद की जानी थी। इसके साथ की किट में गणित विषय के आयात,त्रिभुज, बेलन, गोला आदि की आकृतियां भी ली जानी थी। कुल किट में 132 उपकरण खरीदे जाने थे। जिससे विद्यार्थी उनके विषय में जान सके और उनका प्रयोग कर सके।
विकास खंड वार लाभ से वंचित रह गए बच्चे
ब्लाक>>विद्यार्थी कक्षा
(छह से आठ तक)
अहिरोरी- >>6756
बावन ->>9040
बेंहदर - >>3717
भरावन->>5852
भरखनी ->>8064
बिलग्राम- >>4746
हरियावां - >>7709
हरपालपुर ->>5385
कछौना->>3564
कोथावां ->>4439
माधौगंज- >>4088
मल्लावां- >>2502
पिहानी->>8369
सांडी ->>6148
संडीला->>6391
शाहाबाद->>7535
सुरसा ->>7195
टड़ियावा ->>8190
टोडरपुर->>5803
नगर क्षेत्र पिहानी->>56
नगर क्षेत्र सांडी ->>238
नगर क्षेत्र बिलग्राम- >>148
नगर क्षेत्र हरदोई- >>302
नगर क्षेत्र संडीला->>348
नगर क्षेत्र शाहाबाद->>49
इनको मिलना था लाभ
विज्ञान किट के माध्यम से कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों को प्रयोग कराए जाने थे। जिनकी संख्या जिले में एक लाख 16 हजार 634 है।
आपसी खींचतान बनी खरीद में रोड़ा
विभाग की ओर से खरीद के लिए विद्यालय प्रबंध समिति को खरीद करनी थी। उसको पंजीकृत संस्था से कोटेशन लेने थे और उसके आधार पर निम्न दर वाली फार्म से खरीद करनी थी। मगर विभाग की ओर से इसका केंद्रीयकरण कर दिया गया। मुख्यालय से कार्यदायी संस्था नामित कर दी गई। संस्थाओं की ओर से कुछ विद्यालयों में किट भेजी गई। जो मानक विहीन थी। जिस पर प्रबंध समिति ने लेने से इनकार कर दिया। इससे किट की खरीद अटक गई।