लखनऊ : वेतन और पेंशन को राज्य कर्मियों ने फिर भरी हुंकार
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : पुरानी पेंशन योजना बहाल करने और वेतन विसंगति व निजीकरण समाप्त करने सहित कई मांगों के लिए राज्य कर्मचारियों ने एक बार फिर मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के आह्वान पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद 12 दिसंबर को प्रदेश के सभी जिलों में धरना देंगे तो दूसरी तरफ जल निगम कार्मिकों ने भी आंदोलन का बिगुल बजा दिया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार से पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन करने, आयकर की सीमा आठ लाख रुपये करने, निजीकरण-संविदा व ठेकेदारी समाप्त कर नियमित नियुक्तियां करने और संविदाकर्मियों के लिए स्थायी नीति बनाने की मांग लगातार की जा रही है। इन मांगों पर सुनवाई न होने के विरोध में 12 दिसंबर को धरना देकर सभी जिलों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा जाएगा। सोमवार को राजधानी में परिषद की बैठक भी बुलाई गई। बैठक में कर्मचारी नेताओं ने सरकार के उपेक्षात्मक रवैये के कारण कर्मचारियों के नाराज होने का हवाला दिया और आंदोलन को सफल बनाने का संकल्प लिया। अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर जल निगम समन्वय समिति 11 और 12 दिसंबर को 48 घंटे का उपवास करेगी। 13 दिसंबर को लखनऊ में प्रदेशव्यापी रैली निकाली जाएगी।