मैनपुरी : प्रधानाचार्य सहित सात लोगों का होगा पॉलीग्राफी टेस्ट
करीब तीन माह पूर्व विद्यालय के हॉस्टल में छात्र का शव मिला था। विद्यालय वार्डन आदि के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। सीबीआइ की मांग को लेकर स्वजनों ने प्रदर्शन किए थे। बाद में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। इस मामले को कांग्रेस ने उठाया तो शासन ने एसआइटी की जांच के आदेश दिए हैं। लखनऊ के आइजी के नेतृत्व में टीम जांच कर रही है। एसआइटी की जांच को भी 11 दिन बीत चुके हैं। विद्यालय का कोना-कोना खंगाल कर सुबूत जुटाए गए हैं। विद्यालय के प्रत्येक छात्र-छात्र, शिक्षक और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ के बाद भी एसआइटी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। अब भी जांच को लेकर नए पहलू तलाश किए जा रहे हैं।
डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों के डीएनए के लिए नमूने लेने के साथ ही एसआइटी ने पॉलीग्राफी टेस्ट शुरू करा दिए थे। अब एसआइटी ने सात और लोगों की सूची तैयार की है, जिनका भी ये टेस्ट कराया जाना है। इसके लिए इंस्पेक्टर भोगांव पहुंप सिंह ने तैयारी शुरू कर दी है। पॉलीग्राफी टेस्ट न्यायालय की अनुमति के बिना संभव नहीं है। पुलिस ने एडीजीसी पुष्पेंद्र सिंह चौहान के माध्यम से पॉक्सो न्यायालय में अनुमति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है। गुरुवार को न्यायालय में सुनवाई भी हुई है। एसआइटी न्यायालय से अनुमति मिलने का इंतजार कर रही है। कोर्ट की अनुमति मिलते ही सभी को टेस्ट के लिए लखनऊ ले जाया जाएगा।
दो नजदीकी रिश्तेदारों का भी होगा टेस्ट : छात्र के दो नजदीकी रिश्तेदार का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने का निर्णय लिया गया है। इनमें एक दारोगा है, जबकि दूसरा एक विद्यालय का संचालक।
फिर विद्यालय पहुंची एसआइटी, हुई पूछताछ
जासं, मैनपुरी: छात्र प्रकरण की जांच अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। अभी भी एसआइटी विद्यालय के अंदर ही सुराग तलाशने में जुटी हुई है। एसआइटी जांच शुरू हुए 11 दिन बीत चुके हैं। नौ दिन तक विद्यालय में, 10वें दिन विद्यालय के बाहर और 11 दिन फिर से एसआइटी के अधिकारी जांच के लिए विद्यालय पहुंचे। जांच में शामिल एसपी एसपी अजय कुमार गुरुवार दोपहर फिर विद्यालय पहुंच गए। उन्होंने अपनी जांच को फिर विद्यालय परिसर में ही शुरू किया है। देर शाम तक वे विद्यालय के अंदर मौजूद रहकर छानबीन कर रहे थे। इधर, घटना का राजफाश न होने से छात्र के परिजन मायूस होने लगे हैं।