मैनपुरी : प्राथमिक पाठशाला रठेरा में बागवां की ‘नर्सरी’
जिले की एक प्राथमिक पाठशाला में सुनहरे भविष्य के लिए अगर किताबी ज्ञान दिया जाता है तो शुद्ध पर्यावरण के लिए बागवां की नर्सरी भी उगाई जा रही है। फुलवारी की खुशबू शिक्षालय ही नहीं, गांव को भी महका रही है। किचन गार्डन में उगी सब्जियों से स्कूल में ‘लंच’ को लजीज बना रहा है। नीम-आम के पौधे धीरे-धीरे ही सही मगर, पेड़ बनने को उतावले हो रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन का ये नजारा प्राथमिक विद्यालय रठेरा का है। वैसे तो ये सरकार की मंशा है मगर सिस्टम में फंसकर जमींदोज हो रही इस सरकारी परिकल्पना को प्रधानाध्यापक ने अपनी मेहनत, सूझबूझ और सक्रियता के खाद-पानी की खुराक से पल्लवित करना शुरू कर दिया है। वर्ष 2014 से यहां प्रधानाध्यापक तैनात अंबुज यादव (निवासी मलिक मील कॉलोनी, मैनपुरी) ने छह महीने पहले ही स्कूल की खाली जमीन की जोताई कराई, क्यारियां बनवाकर इसमें सब्जियों के बीज बो दिए। नीम और आम के पौधे रोपे। इन सब कार्यो पर हजारों रुपया अपनी जेब से ही खर्च किया। परिसर में ही कन्या विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रेखा यादव ने भी किचन गार्डन की तैयारी शुरू कर दी है।
ये है किचन गार्डन में: मिर्च, टमाटर, लहसुन, प्याज, चना, मटर, गाजर, फूल गोभी, बंद गोभी, गांठ गोभी, पालक, मेथी, मूली और चुकंदर। मैन्यू के हिसाब से इसी गार्डन से ताजी सब्जियां प्रयोग की जाती हैं। गेंदा और गुलाब की अलग-अलग प्रजातियां भी यहां महकती हैं।
गांव रठेरा प्राथमिक विद्यालय परिसर में शिक्षक द्वारा तैयार किए गए फूल के बगीचे से पॉलीथिन हटाता छात्र सनी’ जागरण
गांव रठेरा प्राथमिक विद्यालय का भवन’ जागरण
बच्चे ही नहीं, अभिभावक भी करते बागवानी
प्रधानाध्यापक अंबुज कहते हैं कि स्कूल के बच्चे तो कक्षा से फुरसत मिलते ही बागवानी करते ही हैं, अभिभावक भी नराई-गुड़ाई के साथ देखभाल भी करते हैं। सुशील, अमित, रवेंद्र सिंह आदि ग्रामीण कहते हैं कि इस छोटी सी बगिया की देखभाल कर हमें भी अच्छा लगता है।
प्राथमिक विद्यालय रठेरा परिसर में उगाई सब्जी दिखाते शिक्षक अंबुज यादव’ जागरण
जिला कार्यक्रम अधिकारी अर¨वद कुमार ने बताया कि बेसिक शिक्षा, जिला पंचायत राज, ग्राम्य विकास, बाल विकास विभाग को विभागीय बजट से किचन गार्डन बनवाना था। कुछ स्थानों पर यह काम हुआ है, जल्द ही अन्य स्कूलों में यह बगिया बनेगी।
अर¨वद कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी
आदेश ही स्पष्ट नहीं
बीएसए विजय प्रताप सिंह कहते हैं कि बागवानी में ही रुचि रखने वाले विद्यालयों के लिए पांच हजार रुपये के बजट का प्रविधान है। अभी कोई स्पष्ट योजना नहीं आई है। योजना का मकसद विद्यार्थियों को बागवानी के प्रति प्रेरित करना है। रठेरा में अच्छी पहल की है।