मैनपुरी : एसआइटी ने शुरू की जांच-पड़ताल, छात्र हत्याकांड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद जांच तेज हो गई
इधर, नवागत एसपी अजय कुमार ने भी देर शाम कार्यभार ग्रहण कर लिया। नवोदय स्कूल में दो माह पुराने छात्र हत्याकांड को लेकर रविवार को मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद पुलिस अधीक्षक अजय शंकर राय को हटा दिया गया था। शामली के एसपी अजय कुमार को यहां तैनात किया गया। साथ ही शासन ने सीबीआइ जांच के लिए केंद्र सरकार को रिमाइंडर भेजने और सीबीआइ जांच शुरू होने तक कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआइटी गठित कर दी। इसमें मैनपुरी के नवागत एसपी अजय कुमार और एसटीएफ के सीओ श्यामकांत बतौर सदस्य शामिल किए गए।
तीन छात्रों सहित पांच का होगा डीएनए और पॉलीग्राफ टेस्ट :छात्र हत्याकांड की पहेली अब डीएनए और पॉलीग्राफ टेस्ट से सुलझ सकती है। पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए पुलिस विद्यालय के तीन नाबालिग छात्रों के अलावा शिक्षक व महिला वार्डन को लेकर सोमवार को लखनऊ रवाना हो गई। एएसपी ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि मंगलवार को पॉलीग्राफ टेस्ट लखनऊ में होगा।
शव का जलप्रवाह बना सबसे बड़ी गलती : स्वजनांे का आरोप है कि वह शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराना चाहते थे, परंतु पुलिस-प्रशासन ने अन्य लोगों को दबाव में लेकर बिना उनकी मौजूदगी के शव का जबरन जलप्रवाह करा दिया।
थी स्कूल टॉपर, डॉक्टर बनना चाहती थी छात्र :वह मेधावी छात्र थी और डॉक्टर बनना चाहती थी। सहपाठियों से कहती थी कि डॉक्टर बन गरीबों की सेवा करनी है। 10वीं की परीक्षा में 93 फीसद अंक प्राप्त किए थे। इंटर के बाद डॉक्टरी की पढ़ाई करना चाहती थी।
कासगंज में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म, जासं, कासगंज : सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में नित्यकर्म को गई किशोरी के साथ गांव के ही चार युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। किशोरी का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया है। चार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है।
ये है मामला
15 सितंबर की रात नवोदय विद्यालय में छात्र का शव फंदे पर लटका मिला था। शव का पोस्टमार्टम के बाद जल प्रवाह कर दिया गया। पुलिस घटना को खुदकशी बता रही थी। 17 सितंबर को छात्र के पिता की ओर से एक नाबालिग छात्र, महिला प्रधानाचार्य व वार्डन को नामजद करते हुए एक अज्ञात के खिलाफ हत्या, दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गईं।
’ छात्र का शव मिलने के बाद विद्यालय प्रशासन और पुलिस ने स्वजनों को सूचना नहीं दी। एक रिश्तेदार द्वारा अस्पताल में शव देखे जाने पर स्वजनों को जानकारी हुई।
’शव पर चोटों के निशान थे। पंचनामा में भी चोटों का उल्लेख था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोटें गायब हो गईं।
’छात्र के हाथ पर मोबाइल नंबर व नाम अंकित मिला था, जिसे मिटाने का दुस्साहस किया गया था। नाम और मोबाइल नंबर किसका था? इसको लेकर भी पुलिस कोई जवाब नहीं दे सकी।
’छात्र का शव 11 फीट ऊंची छत के कुंडे पर लटके होने की बात बताई गई थी, लेकिन वहां रखे स्टूल पर खड़े होकर कुंडे तक पहुंचना संभव नहीं था। पुलिस ये हालात भी स्पष्ट नहीं कर पाई।
’पोस्टमार्टम के दौरान छात्र के प्राइवेट पार्ट पर खून के निशान मिले थे, जो दुष्कर्म की ओर इशारा कर रहे थे। पुलिस खून होने की वजह नहीं बता सकी।
’पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हैं¨गग आते ही पुलिस ने इसे खुदकशी घोषित कर दिया।
’अगर घटना खुदकशी थी तो छात्र इसके लिए विवश क्यों हुई? स्वजनों ने इस सवाल को प्रमुखता से पूछा था, लेकिन पुलिस इसका तार्किक उत्तर नहीं दे सकी।
’घटना वाली रात ढाई बजे तक छात्र कमरे में टहलती रही। आखिर सोने के समय छात्र क्यों टहलती रही, किस बात से उसकी नींद उड़ी हुई थी।
मैनपुरी छात्र हत्याकांड
एसआइटी की जांच शुरू हो गई है। अभी वह जानकारी ले रहे हैं। जांच के बाद ही कुछ कह सकेंगे।
मोहित अग्रवाल, एसआइटी प्रमुख।