महराजगंज : मेन्यू में मनमानी, सब्जी नदारद, दाल में पानी
समय: सुबह 11.00 बजे।
स्कूल: प्राथमिक विद्यालय नटवा: यहां कुल पंजीकृत 166 बच्चों के सापेक्ष महज 57 बच्चे उपस्थित रहे। रसोइया चावल बीनती और सब्जी काटते मिली। जबकि प्रधानाचार्य राजीव कुमार पटेल बच्चों को पढ़ा रहे थे। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए चावल और सब्जी बन रहा है। सहायक अध्यापक दीपमाला और माध्वी अवकाश पर रहीं। शिक्षामित्र चंद्रावती देवी, शातरूम, उपेंद्र पटेल मौजूद रहीं।
समय: सुबह 11.10 बजे।
स्कूल: प्राथमिक विद्यालय तरकुलवा: स्कूल पर 136 बच्चे पंजीकृत हैं। लेकिन मंगलवार को 99 बच्चे स्कूल पहुंचे थे। रसोइया बच्चों के लिए दाल, चावल गैस पर रखीं थी। जबकि चोखा बनाने की तैयारी कर रही थी। प्रधानाचार्य वंदना सिंह कक्षा पांच के बच्चों को ब्लैक बोर्ड पर गणित का सवाल बता रहीं थी। जबकि सहायक अध्यापक शालिनी सिंह तथा शिक्षामित्र हेमलता पांडेय व शालिनी अन्य कक्षाओं में रहीं।
समय: सुबह 11.20
स्कूल: प्रावि. व पूर्व मावि. बांसपार : मंगलवार को स्कूल पर पंजीकृत बच्चे 239 के सापेक्ष 207 बच्चे उपस्थित रहे। रसोइया जगरनाथ, सोबरा, सावित्री, रजवंती चावल और दाल बनाती नजर आईं। यहां दाल सब्जीयुक्त होना चाहिए। लेकिन नहीं था।
पूर्व मावि. बांसपार के प्रधानाचार्य रामप्रसाद गुप्त ने कहा कि बच्चों के लिए दाल चावल बन रहा है। यहां 130 बच्चों के पंजीकरण के सापेक्ष 120 बच्चे उपस्थित हैं। रसोइया सकला देवी, तारा देवी और शांति खाना बनाने में जुटी रहीं।
समय: सुबह 11 बजे।
स्थान: प्राथमिक विद्यालय सेमरी: चिउटहां : सिसवा ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सेमरी द्वितीय में 11 बजे मीनू के सापेक्ष सब्जी भी होनी चाहिए थी, जो नहीं बनी थी। विद्यालय में पंजीकृत 103 बच्चों के सापेक्ष 93 बच्चे उपस्थित मिले। प्रधानाध्यापक अजय पाण्डेय बच्चों को पढ़ाते मिले।
समय: सुबह 11 बजे।
स्थान: प्राथमिक विद्यालय हड़खोड़ा: स्कूल पर बच्चों के लिए मंगलवार को सिर्फ चावल और दाल ही बना मिला। विद्यालय में मौजूद 45 बच्चों को लिए 1.5 किलो दाल बनाया गया था। विद्यालय में कहीं भी मेनू चार्ट नहीं मिला। बीआरसी सह समन्वयक अश्वनी ने बताया कि चावल दाल के साथ सब्जी होना चाहिए। सिर्फ चावल दाल बना है तो इसकी जांच की जाएगी।
समय- 12:20
स्थान - प्राथमिक विद्यालय गोपलापुर शाह, फरेंदा : यहां विद्यालय में 130 में से 86 उपस्थित रहे।
बच्चे स्कूल के बरामदे में पंक्ति में बैठकर चावल-दाल खाते नजर आए। लेकिन बच्चों की थाली में दाल की मात्र बहुत कम थी, जिसके कारण किसी तरह वह अपना भोजन ग्रहण किए। प्रधानाचर्य भीमसेन गौतम, रीना मुखर्जी, अर्पिता उपाध्याय, शिक्षामित्र कौशिल्या, अर्चना पाण्डेय मौजूद रही।
परिषदीय स्कूलों में खुली मध्याह्न् भोजन की पोल, अधोमानक तेल व मसाले का धड़ल्ले से हो रहा प्रयोग
प्राथमिक विद्यालय नटवां में मेनू के हिसाब से बना चावल, सब्जी’ जागरण
प्राथमिक विद्यालय नटवां में भोजन करते छात्र-छात्रएं’ जागरण
प्राथमिक विद्यालय गोपलापुर शाह में भोजन करते छात्र-छात्रएं’ जागरण
तरकुलवा प्राथमिक विद्यालय में भोजन बनाती रसोइयां कमलावती व बिंदा’ जागरण
प्राथमिक विद्यालय बांसपार में भोजन बनाने के लए चावल धोते रसोइया सावित्री व रजवंती’ जागरण
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बांसपार बैजाैली में हैंडपंप पर थाली धुलते बच्चे ’ जागरण
’>>1.50 किलो दाल में ही करा दिया 45 बच्चों को भोजन
’>>भोजन में प्रोटीन की मात्र भी नहीं के बराबर
बच्चों को मेनू के हिसाब से हर हाल में भोजन उपलब्ध कराना है। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्कूलों की जांच के दौरान जिन स्कूलों पर बच्चों को गुणवत्ता व प्रोटीनयुक्त भोजन नहीं मिला, तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
जगदीश प्रसाद शुक्ल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी