मैनपुरी : छात्र हत्याकांड की परतें उधेड़ने में जुटे विशेष जांच दल प्रकरण में प्रशासन से चूक हुई : डीजीपी
डीजीपी इटावा पुलिस लाइन सभागार में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने जांच जल्द पूरी होने की बात कही, हालांकि जांच की समय सीमा पर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि एसआइटी निष्पक्षता से जांच कर रिपोर्ट देगी। इस मामले की आइजी आगरा ने समय-समय पर समीक्षा भी की थी। बेटी के स्वजन की न सुने जाने के सवाल पर डीजीपी ने कोई जवाब नहीं दिया और बोले कि अब इस पर कोई सवाल नहीं पूछिए।
प्रदेश में अपराधों का ग्राफ गिरा: डीजीपी ने कहा, प्रदेश में बीते ढाई वर्षों में अपराध नियंत्रण पर काफी काम हुआ है। डकैती में 32 फीसद, लूट में 31.18, हत्या में 9.46, बलवा में 35.11, दुष्कर्म में 28 फीसद की कमी आई है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस को कई निर्देश दिए गए हैं। जून 2019 से आइजी को पाक्सो एक्ट का नोडल आफीसर बनाया गया है। उसके बाद से ये अपराध कम हुए हैं। डीजीपी ने बताया कि साइबर क्राइम रोकने के लिए प्रदेश की हर रेंज में साइबर थाना और फोरेंसिक लैब खोलने की योजना है। पुलिस का बजट 18 हजार करोड़ से बढ़ाकर 24 हजार 500 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
जासं, मैनपुरी : छात्र हत्याकांड की परतें उधेड़ने में जुटे विशेष जांच दल (एसआइटी) ने पड़ताल की रफ्तार और तेज कर दी। दल के सदस्य और एसपी अजय कुमार ने बुधवार को स्कूल पहुंच मैराथन पड़ताल की। चार घंटे के दौरान 16 लोगों से सवालों की बौछार पर हत्याकांड को लेकर सुराग पाने की कोशिश की। टीम के दूसरे सदस्य और पुलिस ने भी अलग-अलग जांच की।एसपी अजय कुमार ने विद्यालय परिसर का सघनता से निरीक्षण किया। छात्र-छात्रओं, शिक्षक और कर्मचारियांे को अलग-अलग बुलाकर पूछताछ शुरू की। पूछताछ का ये दौर करीब चार घंटे तक चला। कुल 16 लोगों से जानकारी ली गई। खास बात ये रही कि एसपी की कार्यशैली ऐसी रही कि इस पूछताछ के दौरान छात्र-छात्रओं को किसी प्रकार का भय आभास तक नहीं हुआ।
मैनपुरी की घटना में किसको बचाने का प्रयास : कांग्रेस
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: मैनपुरी छात्र प्रकरण में पहला कदम कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने उठाया और अब उसी रास्ते पर पार्टी सरकार को घेरने के लिए चल पड़ी है। कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्र ने पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये सहायता राशि और सुरक्षा की मांग के साथ सवाल उठाया है कि पुलिस-प्रशासन इस मामले में किसको बचाने का प्रयास कर रहा है।