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प्रयागराज : टीजीटी भर्ती पर लगी रोक हटी, 67 हजार बेरोजगारों को नौकरी की उम्मीद जगी

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टीजीटी भर्ती पर लगी रोक हटी, 67 हजार बेरोजगारों को नौकरी की उम्मीद जगी


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक टीजीटी 2016 जीव विज्ञान के 304 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया तीन महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने राज्य सरकार की ओर से जानकारी दिए जाने पर दिया। इस आदेश से 67 हजार अभ्यर्थियों को नौकरी की उम्मीद जगी है।

 

कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा की ओर से दाखिल हलफनामे में यह जानकारी दी गई कि राज्य सरकार ने इन पदों को समाप्त करने की 12 जुलाई 2018 की अधिसूचना को वापस लेते हुए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को 2016 में विज्ञापित 304 पदों के सापेक्ष नियुक्तियां पूरी करने को कहा है। इस पर कोर्ट ने टीजीटी बायोलॉजी की चयन प्रक्रिया तीन माह में पूरी करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर यह भी बताने को कहा है कि राज्य सरकार ने इसके लिए नियमावली में संशोधन किया या नहीं। 

 

मामले के तथ्यों के अनुसार राज्य सरकार ने छह जून 2016 को इंटर कॉलेजों में प्रशिक्षित स्नातकों के चयन का विज्ञापन जारी किया। बाद में 12 जुलाई 2018 को अधिसूचना जारी कर इसमें बायोलॉजी के पद समाप्त कर दिए। इसके चलते 67005 अभ्यर्थी भर्ती से बाहर हो गए थे। सरकार का कहना था कि विज्ञान के सभी विषयों को मिलाकर सामान्य विज्ञान विषय बनाया गया है। इसके बाद अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि बायोलॉजी हाईस्कूल में विज्ञान के साथ अलग से विषय नहीं है इसलिए विज्ञान शिक्षक की अर्हता में अलग से इस विषय को शामिल करने की आवश्यकता नहीं है। विज्ञान शिक्षक के लिए योग्यता बीएससी केमिस्ट्री या फिजिक्स है। 


याचियों की ओर से कहा गया कि जंतु विज्ञान विषय को समाप्त नहीं किया गया है। उस अध्यापक से जंतु विज्ञान पढ़ाने की अपेक्षा कैसे की जा सकती है, जिसने इंटरमीडिएट स्तर पर भी बायोलॉजी नहीं पढ़ी है। इस मुद्दे पर कई बार जवाब मांगने पर भी राज्य सरकार की ओर से कोई अपेक्षित जवाब नहीं दिया गया। 
याचिका पर बीते दिसंबर माह में हुई सुनवाई में कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा को स्पष्ट निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक इस मामले में निर्णय नहीं लिया जाता तो वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें। सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि बायोलॉजी विषय के अध्यापकों की नियुक्ति के लिए चयन बोर्ड को निर्देश दिया गया है।

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