लखनऊ : प्रदेश की सभी स्कूली बसों की फिटनेस जांच कराए राज्य सरकार - हाईकोर्ट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार को प्रदेश के हर जिले की सभी स्कूली बसों की फिटनेस जांच कराने का आदेश दिया है। अदालत ने परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया कि वह प्रदेश के सभी डीएम को निर्देशित करें कि 20 नवंबर 2012 के सरकारी आदेश के तहत सभी स्कूली बसों की फिटनेस सुनिश्चित कराने के लिए इनकी जांच अपने जिलों के परिवहन विभाग व पुलिस अफसरों की मदद से कराएं। राज्य स्तर पर अभियान चलाकर 2 मार्च तक यह काम पूरा किया जाए।विज्ञापन मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की खंडपीठ ने यह अहम आदेश वी द पीपल संस्था के महासचिव प्रिंस लेनिन की जनहित याचिका पर दिया। अदालत ने कहा कि अगर किसी स्कूल बस में निर्धारित शर्त का पालन न होना पाया जाए तो सक्षम अधिकारी बस संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकेगा।
निरीक्षण के बाद डीएम सभी जांच रिपोर्ट 10 दिन में प्रमुख सचिव परिवहन को सौंपेंगे। इसके बाद 21 मार्च तक पूरी अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी। इस बीच अदालत ने प्रमुख सचिव को स्कूली बसों में ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की व्यवहार्यता का भी परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं और अगली सुनवाई पर इसकी रिपोर्ट तलब की है।
याची ने स्कूली बच्चों को लाने व ले-जाने वाले वाहनों व बसों की नियमित रूप से फिटनेस जांच कराने के निर्देश प्रमुख सचिव परिवहन को दिए जाने का आग्रह किया गया था। इसका उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक उड़नदस्ते बनाने का भी आग्रह किया था।
निरीक्षण के बाद डीएम सभी जांच रिपोर्ट 10 दिन में प्रमुख सचिव परिवहन को सौंपेंगे। इसके बाद 21 मार्च तक पूरी अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी। इस बीच अदालत ने प्रमुख सचिव को स्कूली बसों में ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की व्यवहार्यता का भी परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं और अगली सुनवाई पर इसकी रिपोर्ट तलब की है।
याची ने स्कूली बच्चों को लाने व ले-जाने वाले वाहनों व बसों की नियमित रूप से फिटनेस जांच कराने के निर्देश प्रमुख सचिव परिवहन को दिए जाने का आग्रह किया गया था। इसका उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक उड़नदस्ते बनाने का भी आग्रह किया था।