बरेली : सैंपल में दिखाईं बढ़िया मेज-बेंच, जब स्कूलों में पहुंची तो एक दम घटिया निकली
वरिष्ठ संवाददाता,बरेली । घटिया स्वेटर, बस्ते और जूते-मोजों के वितरण बाद अब बेसिक शिक्षा विभाग में फर्नीचर घोटाले की गूंज सुनाई दे रही है। 140 जूनियर हाईस्कूलों में भेजे गए फर्नीचर अभी से टूटने लगे हैं। आरोप है कि जिस सैंपल को दिखाकर फर्नीचर पास कराया गया था, वैसा फर्नीचर स्कूलों में बांटा ही नहीं गया। अप्रैल-मई 2018 में 140 जूनियर हाईस्कूलों में फर्नीचर की खरीद के लिए 2.18 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। प्रति स्कूल 156100 रुपये स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को जारी किया गया था। विभाग से खरीद की प्रक्रिया तय नहीं हो पाई तो डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर टेंडर निकाला गया।
महावीर फर्नीचर को यह टेंडर मिला था। मई 2019 में स्कूलों के लिए फर्नीचर की सप्लाई शुरू हो पाई। शिक्षकों ने सप्लाई के समय ही गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। शिक्षकों का आरोप है कि फर्नीचर के लिए भले ही प्रति स्कूल 1.56 लाख रुपये जारी किए गए हों मगर फर्नीचर मुश्किल से 50-60 हजार रुपये का होगा। घटिया के कारण कुछ ही दिनों में फर्नीचर टूटना शुरू हो गया। आरोप यह भी है कि जिस सैंपल को दिखाकर फर्नीचर पास कराया गया था। वैसा सामान स्कूलों में बांटा ही नहीं गया।
सत्यापन रिपोर्ट में किया गया खेल
सत्यापन में पास हुआ था फर्नीचर : बीएसए
इस बारे में बीएसए तनुजा त्रिपाठी ने बताया कि 140 स्कूलों में बेंच-मेजें दी गई थीं। डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर टेंडर निकाला गया था। इसका सत्यापन भी कराया गया था। सत्यापन रिपोर्ट में भी फर्नीचर पास हुआ था। अभी तक उनके पास किसी तरह की शिकायत भी नहीं आई है।