लखनऊ : यूपीएसएससी, परीक्षा में सेंध लगाने आया सॉल्वर गैंग गिरफ्तार
हिन्दुस्तान टीम,लखनऊ । उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित जूनियर असिस्टेंट परीक्षा में सेंध लगाने आए सॉल्वर गैंग के पांच सदस्यों को एसटीएफ ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। इनमें गैंग का सरगना गोरखपुर के साहिदाबाद का निवासी कमरे आलम व बिहार के दो सॉल्वर शामिल हैं।
सॉल्वर गैंग के पास से एक स्कार्पियो, पांच मोबाइल फोन, आठ सिम कार्ड, पांच आधार कार्ड, दो पैन कार्ड, छह एटीएम कार्ड, दो एयर टिकट व 51 हजार रुपये बरामद हुए हैं। एसटीएफ गैंग से जुड़े अन्य सदस्यों का ब्योरा खंगाल रही है।
स्पेशल टास्क फोर्स के आईजी अमिताभ यश ने बताया कि परीक्षा में सॉल्वर गैंग के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। इसकी जांच के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई थीं। एएसपी सत्यसेन यादव के नेतृत्व में गठित टीम को सुबह सूचना मिली कि आशियाना के विवेकानंद गर्ल्स इंटर कॉलेज में हो रही प्रथम पाली की परीक्षा में वास्तविक परीक्षार्थी की जगह सॉल्वर बैठा है। एसएसपी राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि उक्त सूचना पर टीम ने परीक्षा केन्द्र में छापेमारी की। वहां पर गोरखपुर के साहबगंज निवासी शकील अहमद की जगह चन्द्रमणि को परीक्षा देते हुए पकड़ा गया।
चन्द्रमणि से पूछताछ में गैंग के चार अन्य सदस्यों का सुराग मिला। पता चला कि वह लोग जूनियर असिस्टेंट की दूसरी पाली की परीक्षा में सॉल्वर बैठाने की तैयारी में लगे हैं। मोबाइल नंबर से लोकेशन ट्रेस की गई तो पता चला कि वह लोग कमता चौराहे के पास मौजूद हैं। टीम ने वहां दबिश देकर कमरे आलम, नितीश कुमार, हासिर अहमद और जमाल अहमद को गिरफ्तार कर लिया।
बिहार से बुलाए थे सॉल्वर
एएसपी सत्यसेन यादव ने बताया कि गोरखपुर निवासी कमरे आलम उर्फ मोनू गैंग का सरगना है। वह गुड़म्बा के दसौली गांव निवासी हासिर और आदिल नगर निवासी अमित यादव के साथ मिलकर काफी समय से प्रतियोगी परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाने का काम कर रहा था। वहीं, मऊ के घोसी थानाक्षेत्र निवासी जमाल अहमद अभ्यर्थियों से रुपये वसूलने का काम करता था। उन लोगों ने बिहार के पटना निवासी चन्द्रमणि और नालंदा निवासी नितीश कुमार को सॉल्वर के रूप में बुलाया था।
सॉल्वर को 50-50 हजार रुपये
कमरे आलम ने पूछताछ में बताया कि वह लोग प्रत्येक अभ्यर्थी से तीन लाख रुपये वसूलते थे। सॉल्वर को 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक दिया जाता था। जूनियर असिस्टेंट की परीक्षा में बैठने के लिए उसने चन्द्रमणि और नितीश को 50-50 हजार रुपये दिए थे। यह रकम नितीश के दोस्त अजीत के खाते में एडवांस जमा कराई गई थी। इसके अलावा सॉल्वरों के एयर टिकट, होटल में ठहरने-खाने और परीक्षा केन्द्र तक पहुंचाने का जिम्मा भी उनका था।
स्कैनिंग करके जाली आईडी बनाई
चन्द्रमणि ने बताया कि उसने वास्तविक अभ्यर्थी शकील के आधार कार्ड पर अपना फोटो चस्पा करके शकील के नाम से जाली आईडी तैयार की थी। परीक्षा के दौरान उसने यही आईडी दिखाई थी। सूत्रों के मुताबिक इसी दौरान वह पकड़ लिया गया। एएसपी ने बताया कि दूसरे सॉल्वर नितीश को जमाल अहमद के भाई के स्थान पर कानपुर में दूसरी पाली की परीक्षा में बैठना था। लेकिन, इससे पहले ही सभी आरोपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ गए। एसटीएफ ने सभी अभियुक्तों को आशियाना थाने में दाखिल करने के साथ ही मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
कानपुर-वाराणसी में भी कार्रवाई
परीक्षा नियंत्रक विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि वाराणसी के एसबी पब्लिक इंटर कॉलेज और कानपुर के आरएस एजूकेशन सेंटर पर एक-एक परीक्षार्थी को ब्लूटूथ के साथ पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि कनिष्ठ सहायक के 1403 पदों के लिए 16 जिलों के 444 परीक्षा केंद्रों पर शनिवार को दो पालियों में परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा में 535926 ने आवेदन किया था, जबकि 319408 परीक्षार्थी शामिल हुए।