अंतरजनपदीय तबादले की नीति पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले के लिए घोषित स्थानांतरण नीति पर राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने सदानंद मिश्र व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है।
याचिका में नई नीति को चुनौती दी गई है। कहा गया है कि बेसिक शिक्षकों के लिए नीति घोषित करते समय राज्य सरकार की 2018 की स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किया गया है। याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षकों के लिए दो दिसंबर 2019 को जारी स्थानांतरण नीति की धारा 2/13 में प्रावधान किया है कि आठ आकांक्षी जिलों में उतने ही शिक्षकों का अंतरजनपदीय स्थानांतरण किया जाएगा, जितने शिक्षक वहां से स्थानांतरित होकर बाहर जाएंगे।
याची के अधिवक्ता का कहना है कि राज्य सरकार ने 29 मार्च 2018 को सभी विभागों के लिए स्थानांतरण नीति जारी की थी। इसमें आकांक्षी जिले चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती और बहराइच के लिए प्रावधान किया गया है कि इन जिलों में तैनात कर्मचारियों से तैनाती के दो वर्ष बाद स्थानांतरित किया जा सकेगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने अंतरजनपदीय स्थानांतरण नीति में इस प्रावधान को लागू नहीं किया है। कोर्ट ने प्रकरण को विचारणीय मानते हुए याचिका पर जवाब मांगा है।