प्राइमरी स्कूल के शिक्षक ने अपने पैसों से 10 टेबलेट खरीदकर शुरू किया पहला डिजिटल स्कूल
बच्चों की बेहतर शिक्षा (Education) के लिए प्रधानाचार्य अरविंद पाल (Arvind Pal) ने 2015 में अपने खर्च पर स्कूल में प्रोजेक्टर (Projector) लगवाया था. इतना ही नहीं, 2016 में उन्होंने कंप्यूटर क्लास (Computer Class) की शुरुआत की थी.
सरकारी स्कूलों की शिक्षा पद्धति (Education System) को लेकर तमाम सवाल खड़े होते रहते हैं, लेकिन कुछ शिक्षक (Teachers) ऐसे भी हैं जो अपनी मेहनत के बलबूते बच्चों को कुछ अलग तरह से शिक्षा प्रदान कराते हैं. ऐसा ही एक अलग प्रयास भदोही (Bhadohi) जनपद के प्राथमिक विद्यालय चितईपुर (Chitaipur) में तैनात शिक्षक अरविंद पाल (Arvind Pal) ने किया हैं. उन्होंने अपने वेतन से 10 टेबलेट (Tablets) खरीदकर गांव के स्कूल में छात्र-छात्राओं को डिजिटल शिक्षा (Digital Education) से जोड़ा है. शिक्षक अरविंद पाल के इन्हीं प्रयासों के चलते भदोही में बिना किसी सरकारी मदद के पहला डिजिटल स्कूल (Digital School) अब शुरू हो चुका है.
जिलाधिकारी ने सराया शिक्षक का प्रयास
भदोही जनपद के प्राथमिक विद्यालय चितईपुर में तैनात प्रधानाचार्य अरविंद पाल जनपद ने पहले टेबलेट युक्त डिजिटल स्कूल की शुरूआत की है. वह भी किसी सरकारी योजना से नहीं, बल्कि उन्होंने अपने वेतन से नौनिहालों के लिए 10 टेबलेट ख़रीदे है, जिनकी कीमत करीब 55 हजार रुपया है. बुधवार को जिलाधिकारी ने यह टेबलेट बच्चो को सौंपे हैं, जिनके माध्यम से अब इस गांव के बच्चे टेबलेट के जरिये आधुनिक शिक्षा से जुड़े सके हैं. इन टेबलेट में कई तरह के शिक्षा से जुड़े एप है, जिनके माध्यम से बच्चे बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकेंगे. इस मौके पर जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने कहा की स्कूल के प्रधानाचार्य अरविन्द पाल का प्रयास बहुत अच्छा है, उनको इस स्कूल में आकर बहुत ख़ुशी मिली है. जरूरत है कि अन्य शिक्षक भी अरविंद पाल से प्रेरणा लें.
पहले भी स्कूल के लिए कर चुके हें कई हाईटेक व्यवस्थाएं
चितईपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद पाल हमेशा से ही कुछ नया करते रहे है. इसके पहले, 2015 में उन्होंने अपने खर्च कर भदोही जनपद में सबसे पहले अपने स्कूल में प्रोजेक्टर के माध्यम से छात्र-छात्राओं को शिक्षा देना शुरू किया था. उसके बाद, 2016 में उन्होंने कंप्यूटर क्लास की शुरुआत की थी. इतना ही नहीं, अपने खर्चे पर उन्होंने स्कूल की हर क्लास में सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे. अब टेबलेट के माध्यम से गांव के बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ रहे हैं. अरविन्द पाल ने बताया की वह अपने स्कूल के बच्चों को अपने बच्चे समझते है और अपने बच्चो की ही तरह वह स्कूल के बच्चो को शिक्षा देना चाहते है.
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टेबलेट पाकर छात्र छात्रों में ख़ुशी की लहर
चितईपुर गांव के इस सरकारी स्कूल के बच्चे किसी प्राइवेट स्कूल के छात्रों से कम नहीं है. वह हर विषय में काफी तेज है और जिस तरह से कई साल से यह स्कूल हाईटेक है. इस वजह से गांव के ज्यादातर बच्चे किसी अन्य जगह न जाकर गांव के ही स्कूल में पढ़ते है. साथ ही, रोजाना बच्चों की उपस्तिथि भी बहुत अच्छी है. आज जब बच्चों के हाथो में टेबलेट पहुंचे, तो वह बहुत खुश नजर आये. छात्र-छात्राओं ने बताया कि उन्हें स्कूल में आकर बहुत अच्छा लगता है. अब टेबलेट मिलने से वह और अच्छे से पढ़ाई कर सकते है.