बरेली में 166 स्कूलों की खेल किट खरीद में घोटाला
आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक के 166 स्कूलों में खेल किट की खरीद में घोटाले का मामला सामने आया है। आरोप है कि अधिकारियों ने अनाधिकृत फर्म से खरीद के लिए प्रधानाध्यापकों पर दबाव बनाकर चेक ले लिए। सप्लायर फर्म से मिलीभगत कर कई गुना ज्यादा कीमत दिखाकर बिलों का भुगतान किया गया। जांच अधिकारी के नोटिस के बाद भी ब्लॉक से जांच के लिए कागज उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।
शैक्षिक सत्र 2019-20 में शासन ने प्राइमरी स्कूलों के लिए पांच हजार रुपये और जूनियर हाईस्कूलों के लिए दस हजार रुपये जारी किए गए थे। इन रुपयों से खेल सामग्री की खरीद होनी थी। आरोप है कि तत्कालीन बीईओ ने चहेते शिक्षक के साथ मिलकर शास्त्री नगर की एक फर्म से पूरे ब्लॉक के खेल सामान की खरीद कर डाली। विकास क्षेत्र आलमपुर जाफराबाद के कुल 197 स्कूलों में से 166 स्कूलों में सस्ती और घटिया खेल सामग्री पहुंचाई गई। इसके बदले में मोटी कमीशनखोरी की गई।
डरा-धमकाकर लिए गए स्कूलों से चेक
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री आदि को भेजी शिकायत में कहा कि तत्कालीन बीईओ व चहेते शिक्षक ने संकुल प्रभारियों व प्रधान अध्यापकों को धमकाकर घटिया खेल किट सौंप दी। प्रधानाध्यापक और प्रबंध समिति के अध्यक्ष से हस्ताक्षर करवा कर चेक ले लिए गए। चेक पर फर्म का नाम घोटालेबाजों ने ही लिखा है।
अनाधिकृत फर्म को पहुंचाया गया लाभ
आरोप है कि शास्त्री नगर की जिस फर्म से खरीदारी की गई, उसके बिल पर मैन्युफैक्चरर ऑफ स्कूल यूनिफार्म एंड हौजरी सप्लायर लिखा है। स्पष्ट है कि खेल सामग्री बेचने को अधिकृत फर्म नहीं है।
520 का बल्ला 1200 रुपये में
आरोप है कि कमाई के लालच में कीमत बढ़ा बढ़ा कर बिल तैयार किए गए। जो क्रिकेट बैट 520 रुपये का था उसके 1200 रुपये के बिल लगाए गए। 240 रुपये के कैरम बोर्ड का बिल 400 रुपये का लगाया गया। रग्बी, बेसबाल जैसे खेलों की सामग्री खरीदने का भी आरोप है। जबकि यह खेल बेसिक शिक्षा में होते ही नहीं हैं।