भदोही : जर्जर विद्यालय भवन बने खतरा-ए-जान
प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने व बच्चों को बेहतर सुविधा देने के लिए मिशन कायाकल्प के तहत विद्यालयों को सुसज्जित करने का अभियान चल रहा है। शासन प्रशासन इसे प्राथमिकता पर लेते हुए सभी विद्यालयों का कायाकल्प करने का फरमान जारी किया है। हिदायत दी गई है कि इसमें किसी तरह की लापरवाही न की जाय। इसके साथ ही निष्प्रयोज्य व जर्जर भवनों को गिराने का आदेश भी जारी है।...
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने व बच्चों को बेहतर सुविधा देने के लिए मिशन कायाकल्प के तहत विद्यालयों को सुसज्जित करने का अभियान चल रहा है। शासन प्रशासन इसे प्राथमिकता पर लेते हुए सभी विद्यालयों का कायाकल्प करने का फरमान जारी किया है। हिदायत दी गई है कि इसमें किसी तरह की लापरवाही न की जाय। इसके साथ ही निष्प्रयोज्य व जर्जर भवनों को गिराने का आदेश भी जारी है। बावजूद इसके 334 प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के जर्जर व निष्प्रयोज्य घोषित भवन नौनिहालों की जान के लिए खतरा बने दिख रहे हैं। फटी दीवारों तो कहीं जर्जर हो चुके छतों के चलते खंडहर में तब्दील हो चुके करीब चार दर्जन विद्यालय भवन कब धराशायी हो जाय कुछ कहा नहीं जा सकता। शिक्षकों से लेकर अभिभावकों तक को बच्चों की सुरक्षा का भय सताता रहता है। इसके बाद भी प्रबंध समितियां अनभिज्ञ बनी हैं।
---------
- केस एक : औराई ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय तुलसीपुर का भवन जर्जर हो चुका है। छत व दीवारों में दरार आ चुकी है। इससे बच्चों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है। इसे गिराने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बल्कि जर्जर भवन की रंगाई-पोताई भी करा दिया गया।
- केस दो : भदोही ब्लाक क्षेत्र के सुरहन गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय का जर्जर भवन नौनिहालों के लिए खतरा बना हुआ है। इससे शिक्षक से लेकर अभिभावक तक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चितित रहते है। सबसे अहम बात यह है कि वर्ष 2008 में ही भवन का निर्माण कराया गया था लेकिन निर्माण कार्य में की गई मनमानी का हाल यह रहा कि मात्र एक दशक में ही तीन कमरों का छत पूरी तरह जर्जर हो गया है।
-----------
अपर मुख्य सचिव का आ चुका है पत्र
- खतरा-ए-जान बने जर्जर व निष्प्रयोज्य विद्यालय भवनों भवनों को ध्वस्त कराने का शासनादेश जारी किया गया गया है। तो कार्रवाई के लिए प्रदेश शासन की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार का पत्र भी पिछले दिनों आ चुका है। बच्चों की सुरक्षा के ²ष्टिगत शासन स्तर से यह निर्यण लिया गया था।
इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
-----------
कौन लेगा ध्वस्तीकरण का निर्णय
- ऐसे विद्यालय भवन जिनकी आयु पूरी हो चुकी है। अभिलेखों के अभाव में जहां बुक वैल्यू उपलब्ध न हो। और वहां कम्प्यूटेड वैल्यू पांच लाख तक है के ध्वस्तीकरण के बारे में निर्णय जिलाधिकारी द्वारा लिया जाएगा। ऐसे भवन जिनकी आयु पूरी हो चुकी है। अभिलेखों के अभाव में जहां बुक वैल्यू उपलब्ध न हो। वहां कम्प्यूटेड वैल्यू पांच लाख से अधिक व 10 लाख रुपये तक है तो ध्वस्तीकरण का निर्णय शिक्षा निदेशक बेसिक व ऐसे स्कूल भवन जिनकी आयु पूर्ण नहीं हुई है, और अभिलेखों के अभाव में जहां बुक वैल्यू उपलब्ध न हो। और वहां कम्प्यूटेड वैल्यू 10 लाख तक है तो अपर मुख्य सचिव-प्रमुख सचिव प्रदेश शासन द्वारा ध्वस्तीकरण का निर्णय लिया जाएगा। जबकि ध्वस्तीकरण के लिए चिन्हित विद्यालय भवनों में जिनकी आयु अभी 15 वर्ष से अधिक नहीं हैं, निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण न होने के चलते जर्जर हो गए हैं। किसी प्राकृतिक आपदा में ध्वस्त होने की आशंका में गिराने का निर्णय लिया गया है उस स्थिति में भवन निर्माण प्रभारी व संबंधित खंड शिक्षाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई तय की जाएगी।
---------
वर्जन
- जर्जर व निष्प्रयोज्य भवनों को ध्वस्त कराने के लिए अपर मुख्य सचिव का पत्र आया है। सभी खंड शिक्षाधिकारियों को कार्रवाई पूर्ण कराने का निर्देश भी दिया गया है। विद्यालयों को चिन्हित कराने की कार्रवाई शुरू कराई गई है।
अमित कुमार सिंह, बीएसए भदोही