सूत्रों के हवाले से खबर है कि मोदी कैबिनेट ने कर्मचारियों और पेंशनधारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा कैबिनेट में येस बैंक के रिस्ट्रक्चर प्लान को मंजूरी दे दी है.
मोदी सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनधारियों को बड़ा तोहफा दिया है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनधारियों के महंगाई भत्ता (डीए) को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि महंगाई भत्ते में 4 फीसदी बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई है. इसके अलावा कैबिनेट में येस बैंक के रिस्ट्रक्चर प्लान को मंजूरी दे दी है.
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कोरोना वायरस से निपटने की तैयारी की समीक्षा की गई है. कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कैबिनेट को ब्रीफ किया और कहा कि कोरोना से लड़ने और रोकथाम में दुनिया में भारत ने सबसे अच्छा परफार्म किया है. विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, कॉमर्स मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को अहम आदेश दिया गया.
कोरोना पर हर रोज ब्रीफिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांचों मंत्रालयों (विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, कॉमर्स मंत्रालय और वित्त मंत्रालय) के ज्वॉइंट सेक्रेटरी को हर रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कोरोना पर अपडेट या जानकारी देने का निर्देश दिया है.
4 फीसदी बढ़ा महंगाई भत्ता- कैबिनेट बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ी राहत देते हुए महंगाई भत्ता बढ़ाने पर फैसला हो गया है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बैठक में केंद्र सरकार कर्मचारियों और पेंशनधारकों का 4 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ गया है. पिछले सप्ताह ही राज्यसभा में लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने जानकारी दी थी कि मार्च महीने की सैलरी के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को महंगाई भत्ता मिलने लगेगा.
>> ये पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन के स्तर में पैसे की वजह से दिक्कत न हो. ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है.
> इसकी शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हुई थी. सिपाहियों को खाने और दूसरी सुविधाओं के लिए उनकी तनख्वाह से अतिरिक्त पैसा दिया जाता था. इस पैसे को उस वक्त खाद्य महंगाई भत्ता या डियर फूड अलाउंस कहा जाता था. जैसे-जैसे वेतन बढ़ता जाता था, इस भत्ते में भी इजाफा होता था.
>> भारत में मुंबई के कपड़ा उद्योग में 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी. इसके बाद केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने लगी थी, ताकि बढ़ती हुई महंगाई का असर सरकारी कर्मचारी पर न पड़े. इसके लिए 1972 में ही कानून बनाया गया, जिससे कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट 1951 के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगे.