महराजगंज : परशुराम जयंती (अक्षय तृतीया) रविवार 26 अप्रैल हेतु प्रस्तुत के लिए शिक्षक दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल को "अक्षय काव्य सहभागिता सम्मान 2020" रचना के लिए मिला...हे! राम धरा पर मत आना, कपटी मानव की माया है.....क्लिक कर पढ़े।
हे! राम धरा पर मत आना
कपटी मानव की माया है।।
मर्यादा को अपना कर
मानव श्रीराम कहलाया है
भृगुवंशी हो जमदग्नि पुत्र
विष्णु अवतारी महेन्द्रगिरी की छाया है
कपटी मानव की माया है।।
चंद्रमौली अराध्य से वर पाकर
परशुराम बन दुश्मन को थर्राया है
त्रेता औ द्वापर में रामभद्र ने
रिपुओं को 21बार धरा पे चढ़ाया है
कपटी मानव की माया है।।
कश्यप को, जीत धरा का दान किया
भीष्म, द्रोण, कर्ण से महारथी को
अपने विज्ञानों से तार दिया
कामधेनु को मुक्त कराकर
कल्पभव का विष्णु से वरदान लिया
चक्रसुदर्शन दे अचला को
व्याकुल मानव को हर्षाया है
कपटी मानव की माया है।।
रचना - दयानन्द त्रिपाठी
व्याकुल
लक्ष्मीपुर
जनपद-महराजगंज, उत्तर प्रदेश