नई दिल्ली : भत्ते_को_महामारी मार गई
कोरोना के बीच कामकाज : बेंगलुरु में लॉकडाउन के बीच एक सरकारी दफ्तर में कामकाज हुआ। कर्मचारी मास्क पहने नजर आए। साथ ही सोशल डिस्टेंसिग का भी पूरा ख्याल रखा गया।
सेनाओं को खरीद रोकने के आदेश
कोरोना की वजह से चल रहे आर्थिक हालात के बीच तीनों सेनाओं से कहा गया है कि वे हथियारों की खरीद से संबंधित अपने सौदों को अभी टाल दें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिलिट्री मामलों के विभाग की ओर से लिखे गए एक पत्र में कहा गया है कि हथियारों के अधिग्रहण की जो प्रक्रियाएं अभी चल रही हैं, उन्हें रोक दिया जाए और खरीद की कोई नई प्रक्रिया भी शुरू न की जाए।
बता दें कि एयरफोर्स इस वक्त फ्रांस से मिल रहे 36 राफेल के लिए पेमेंट करने की योजना बना रही है। इसके अलावा रूस से एस 400 की खरीद प्रक्रिया भी जारी है। सरकार को इस वक्त पैसे की जरूरत है और इन खरीदों से बचने वाले पैसे को वह कोरोना से लड़ाई में खर्च करना चाहती है।
• विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
कोरोनावायरस की वजह से पैदा आर्थिक हालात के बीच केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी पर रोक लगा दी गई है। 1 जनवरी 2020 से भत्ते में जिस बढ़ोतरी की योजना थी, उसे अब 1 जुलाई 2021 तक टाल दिया गया है। हालांकि मौजूदा 17 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिलता रहेगा। पेंशनरों को
दिया जाने वाला डियरनेस रिलीफ भी रोक दिया गया है।
सरकार के इस फैसले से केंद्र सरकार के करीब 52 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर प्रभावित होंगे। उन्हें डीए की 3 अतिरिक्त किस्तों का नुकसान हो सकता है। अब उन्हें डीए की अगली अतिरिक्त किस्त 1 जुलाई 2021 के बाद ही मिलेगी। हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि 1 जुलाई 2021 के बाद अगर महंगाई भत्ते में इजाफा होता है तो सरकार पिछली बढ़ोतरी को भी ध्यान में रखेगी। केंद्रीय कर्मचारियों को साल में दो बार डीए की अतिरिक्त किस्त मिलती है। पहली 1 जनवरी से मिलती है जबकि दूसरी 1 जुलाई से। सरकार ने जो अवधि तय की है, उसमें 3 किस्तें शामिल होंगी। बता दें कि सरकार को इन भत्तों को रोकने से वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-2022 में कुल 37,530 करोड़ रुपये की बचत होगी। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के लिए ऐसा ही करेंगी। राज्य सरकारों ने भी जुलाई 2021 तक महंगाई भत्ते की बढ़ी दर पर भुगतान नहीं किया तो इससे उन्हें 82,566 करोड़ रुपये तक की बचत होगी।
इंडिगो ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती के निर्णय को वापस ले लिया है। कंपनी ने कहा कि यह निर्णय सरकार की उस अपील पर किया गया है जिसमें उसने कंपनियों से कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं करने की बात कही थी। कंपनी ने कहा कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने इच्छा से वेतन कम लेने का फैसला किया है।
कोरोना वायरस के कारण केरल सरकार ने राज्य में चुने हुए प्रतिनिधियों की सैलरी में एक साल तक 30 फीसदी कटौती करने का फैसला किया है। राज्य के सभी मंत्री, विधायक, सरकारी बोर्ड के सदस्य और अन्य प्रतिनिधि एक साल तक 30 फीसदी सैलरी कम लेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ दोपहर 12 बजे मीटिंग करेंगे। इस मीटिंग में कोरोना के चलते तमाम छोटे उद्योगों और दूसरे सेक्टरों के लिए राहत पैकेज पर कोई फैसला लिया जा सकता है। मीटिंग में लॉकडाउन 2 से जुड़े कुछ और फैसले भी हो सकते हैं।
सैलरी में कटौती नहीं करेगी इंडिगो
केरल के मंत्रियों की 30% सैलरी कटी
52 लाख कर्मचािरयों पर होगा असर, जबकि सरकार को 37,530 करोड़ की बचत होगी
कोरोना संकट के चलते केंद्र सरकार ने डीए बढ़ोतरी पर 1 जुलाई 2021 तक रोक लगाई
आज राहत पैकेज पर होगा फैसला!