महराजगंज : कोरोना काल में वीरान सड़कों को देखकर जीवन के अनुभवों पर छोटी सी रचना प्रस्तुत है-"संवाद करता हूँ..."
संवाद_करता_हूँ.....
मैं ,
स्वयं से संवाद करता हूँ
कभी - कभी किसी
विशेष मुद्दे पर
गम्भीर वाद - विवाद करता हूँ
हो गयी जो गलतियां अतीत में
उनका पश्चाताप करता हूँ
मैं,
स्वयं से संवाद करता हूँ ।।
मेरा साथी अपना
बातें मैं
उससे दिनरात करता हूँ
अपनी आत्मा का बनूँ दर्पण मैं
पारदर्शी हो मेरा अस्तित्व
ऐसा अडिग प्रयास करता हूँ
मैं,
स्वयं से संवाद करता हूँ ।।
कदाचित विचलित होऊँ
समय के विलोम प्रभाव से
इस हेतु बनाने को सम्बल
अपने पौरूष का
स्वयं से वादाकार करता हूँ
मैं,
स्वयं से संवाद करता हूँ ।।
जीवन के ख़ौफ़ ने सड़कों को
वीरान कर दिया
समय चक्र ने ज़िंदगी को
हैरान कर दिया
सामाजिक विसंगतियों के
आतंक से "व्याकुल"
स्वयं को दो-चार करता हूँ
मैं,
स्वयं से संवाद करता हूँ।।
कोरोना काल में भारत के ओजस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी के द्वारा भारत की एक सौ तीस करोड़ जनता के लिए जो कदम उठाये गये हैं साथ ही भारतीय जनमानस ने जो सहयोग किया है और डाक्टर, नर्स, पुलिस बल एवं सेना और तमाम संगठनों के दिये जा रहे सेवाभाव का काबिले तारीफ करता हूँ। मैं व्यक्तिगत रूप से सबको दिल से नमन करता हूँ।
#StayHome
#IndiaFightCorona
#MaskIndiaMovement
दयानन्द_त्रिपाठी
व्याकुल
संविलयत विद्यालय सोनवल,
लक्ष्मीपुर - महराजगंज, उत्तर प्रदेश