नई दिल्ली : ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से परीक्षा कराने के लिए विवि स्वतंत्र - यूजीसी।
यूजीसी ने कहा- ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से परीक्षा कराने के लिए विवि रहेंगे स्वतंत्र
यूजीसी बोर्ड ने उन राज्यों और क्षेत्रों के विश्वविद्यालयों को जून अंत तक या जुलाई से ही खोलने को लेकर चर्चा की है। जहां कोरोना के एक भी केस नहीं है।...
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना संकट से बीच परीक्षा कराने और नए शैक्षणिक सत्र शुरू करने जैसी चुनौती से घिरे विश्वविद्यालयों को निकालने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) फिलहाल गाइडलाइन तो जारी करेगा, लेकिन किसी पर कुछ भी थोपा नहीं जाएगा। सभी विश्वविद्यालयों को अपने संसाधनों और स्थानीय हालात को देखते हुए फैसला लेने के लिए स्वतंत्रता दी जाएगी। इस दौरान जो विश्वविद्यालय ऑनलाइन परीक्षा कराने में सक्षम है, उन्हें उसकी भी अनुमति रहेगी।
यूजीसी बोर्ड की उच्च स्तरीय बैठक में बनी सहमति
इसके साथ ही विश्वविद्यालय को शैक्षणिक गतिविधियां कब से शुरू करनी है, इसका भी निर्णय वह कोरोना संक्रमण की स्थानीय स्थिति को देखते हुए ले सकेंगे। फिलहाल सभी से अपने-अपने स्तर पर परीक्षा और शैक्षणिक सत्र शुरु करने का पूरा प्लान तैयार करने की भी सलाह देगी। विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं कराने सहित नए शैक्षणिक सत्र को शुरू करने यूजीसी बोर्ड की सोमवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में ज्यादातर अहम मुद्दों पर सहमति बन गई है। हालांकि यूजीसी ने इसे लेकर जारी होने वाली विस्तृत गाइडलाइन को अगले दो-तीन दिनों में जारी करने के संकेत दिए है।
कोरोना को लेकर किसी भी विश्वविद्यालय पर कुछ भी थोपा नहीं जाएगा- यूजीसी
यूजीसी बोर्ड की बैठक में शामिल हुए एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ऑनलाइन एजुकेशन और परीक्षा के साथ नए शैक्षणिक सत्र को शुरु करने को लेकर गठित की गई दोनों अलग-अलग कमेटियों की रिपोर्ट सोमवार को बोर्ड के सामने रखी गई, लेकिन देश भर में कोरोना संक्रमण की अलग-अलग स्थितियों को देखते हुए किसी भी विश्वविद्यालय पर कुछ भी न थोपने पर सहमति बनी है। साथ ही इसे लेकर पर्याप्त विकल्प भी दिए जाएंगे। इनमें ऑनलाइन या आफ लाइन परीक्षा कराने जैसे विकल्प भी रहेंगे।
लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही विश्वविद्यालयों में होगी गतिविधियां संचालित
यदि किसी विश्वविद्यालय के पास ऑनलाइन परीक्षा के पर्याप्त संसाधन है, तो वह इसे अजमा सकेगा। हालांकि विश्वविद्यालय में जो भी गतिविधियां संचालित होगी, वह लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही स्थानीय हालत को देखते हुए होगी। इस दौरान विवि को परीक्षा कराने के अलग-अलग माड्यूल भी सुझाए जाएंगे। यूजीसी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक गाइडलाइन को इसलिए भी विस्तृत स्वरूप दिया जाएगा, क्योंकि सभी की क्षमताएं, संसाधन और स्थानीय हालात अलग-अलग है। निजी विवि के पास जहां पर्याप्त संसाधन है, वहीं तमाम सरकारी विश्वविद्यालयों के पास बड़ी संख्या में छात्र है, लेकिन उतने संसाधन नहीं है।
स्थिति को देखते हुए जून अंत तक खुल जाएंगे विश्वविद्यालय
यूजीसी बोर्ड ने इस बीच उन राज्यों और क्षेत्रों के विश्वविद्यालयों को जून अंत तक या जुलाई से ही खोलने को लेकर चर्चा की है। जहां कोरोना के एक भी केस नहीं है। खासकर नार्थ-ईस्ट के तमाम विश्वविद्यालय इनमें शामिल हो सकते है। इसके साथ ही इन क्षेत्रों के भी विश्वविद्यालयों को भी स्थानीय प्रशासन से बातचीत कर वह जरूरत सुरक्षा प्रबंधन के साथ खोल सकते है, जहां स्थिति सामान्य हो चुकी है। फिलहाल इसे लेकर भी विश्वविद्यालय को निर्णय का अधिकार दिया जाएगा। वैसे भी प्रत्येक विवि एक स्वायत्त संस्था होती है। साथ ही एक-दूसरे से किसी से कोई जुड़ाव नहीं होता है।
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