प्रयागराज : 12460 शिक्षक भर्ती 2019: तीन साल में नहीं सुलझा का विवाद, आवेदकों में बढ़ी बेचैनी
वरिष्ठ संवाददाता,प्रयागराज।परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही 12,460 शिक्षक भर्ती के हजारों आवेदकों की बेचैनी बढ़ गई है।इस भर्ती में जीरो जनपद का विवाद तीन साल से चला आ रहा है। प्रभावित अभ्यर्थियों ने सरकार से अनुरोध किया है कि कोर्ट में प्रभावी पैरवी कर उनकी नियुक्ति का रास्ता साफ करें। 12460 शिक्षक भर्ती 15 दिसम्बर 2016 को शुरू हुई थी। भर्ती में 51 जिलों में पद थे और 24 जिलों में पद शून्य थे अर्थात वहां एक भी पद नहीं था।लिहाजा सरकार ने इन 24 जिले के अभ्यर्थियों को प्रथम वरीयता के आधार पर 51 जिलों में किसी एक में आवेदन करने का अवसर दिया था।प्रदेश में सरकार बदलने पर 23 मार्च 2017 को सभी भर्तियों पर रोक लगा दी गई। मुख्यमंत्री की पहल पर 16 अप्रैल 2018 को दोबारा भर्ती शुरू हुई। एक मई 2018 को 51 जनपदों के लगभग 4000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए।शेष 24 जिलों (शून्य जनपद) में चयनित उच्च गुणांक (हाई मेरिट) वाले तकरीबन 8 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिल सका। क्योंकि कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ याचिका कर दी थी। इन 51 जिलों के अभ्यर्थियों का कहना था कि उनके जनपद में सीट निकली है तो उनको पहली प्राथमिकता मिलनी चाहिए। भले ही शून्य 24 जिले के अभ्यर्थियों की मेरिट अधिक ही क्यों न हो।कोर्ट ने जिन 24 जनपदों में पद नहीं थे, उनकी सीटों को सुरक्षित करते हुए उनके नियुक्ति पत्र पर रोक लगा दी। पिछले दो साल से यह मामला लखनऊ बेंच में लम्बित है।
इन जिलों के अभ्यर्थियों की फंसी है नियुक्ति
मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत, बुलन्दशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, आगरा, झांसी, इटावा, कानपुर नगर, मुरादाबाद, सम्भल, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, बरेली, शाहजहांपुर, प्रयागराज, संतकबीरनगर, आजमगढ़, मऊ, गोरखपुर व गाजीपुर।