लखनऊ : ऑरेंज जोन में भी 12 मई से शुरू होगा यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन अब 12 मई से ऑरेंज जोन के 36 जिलों में भी किया जाएगा शुरू
प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला की ओर से सभी डीएम व डीआईओएस को दिए निर्देश
लखनऊ, जेएनएन।यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन अब 12 मई से ऑरेंज जोन के 36 जिलों में भी शुरू किया जाएगा। प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला की ओर से सभी डीएम व डीआईओएस को निर्देश दिए गए हैं कि वह इन जिलों में पूरी सतर्कता के साथ मूल्यांकन की तैयारी शुरू करें। इन ऑरेंज जोन वाले जिलों में हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में मूल्यांकन केंद्र नहीं बनेगा और न ही वहां रहने वाले शिक्षक को परीक्षक बनाया जाएगा। वहीं ग्रीन जोन वाले 20 जिलों में बीती पांच मई से ही मूल्यांकन कार्य शुरू किया जा चुका है। अभी रेड जोन वाले जिलों को छोड़ दिया गया है, वहां आगे स्थिति सामान्य होने पर ही मूल्यांकन कार्य शुरू होगा।उत्तर प्रदेश के ऑरेंज जोन वाले जिन 36 जिलों में मूल्यांकन कार्य 12 मई से शुरू होगा उनमें गाजियाबाद, हापुड़, बस्ती, बागपत, बदायूं, संभल, औरैया, शामली, सीतापुर, बहराइच, कन्नौज, आजमगढ़, मैनपुरी, श्रावस्ती, बांदा, जौनपुर, एटा, कासगंज, सुल्तानपुर, प्रयागराज, जालौन, मिर्जापुर, इटावा, प्रतापगढ़, गाजीपुर, गोंडा, मऊ, भदोही, उन्नाव, पीलीभीत, बलरामपुर, अयोध्या, गोरखपुर, झांसी, हरदोई और कौशांबी शामिल हैं। इन जिलों में बनाए जाने वाले मूल्यांकन केंद्रों में परीक्षक शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कर बैठाए जाएंगे।सभी शिक्षक मास्क , ग्लव्स पहनेंगे और मूल्यांकन केंद्रों का सैनिटाइजेशन भी किया जाएगा। फिलहाल सुरक्षा के सभी जरूरी उपाय किए जाएंगे।बता दें कि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 16 मार्च से को शुरू हो गया था। तमाम दावों के विपरीत केंद्रों पर अव्यवस्था देखने को मिलीं, केंद्रों पर कोरोना वायरस से बचने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। बोर्ड प्रशासन का दावा किया था कि पहले दिन प्रदेश भर में 3.70 लाख उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हुआ। यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन महज दस दिन में पूरा होने का लक्ष्य तय किया गया था। इसके लिए पिछले वर्ष की अपेक्षा मूल्यांकन केंद्रों की संख्या संख्या बढ़ाकर 275 कर दी गई, जबकि परीक्षक करीब 1.47 लाख परीक्षक लगाए गए हैं, लेकिन कोरोना वायरस ने सारे किये कराए पर पानी फेर दिया।