लखनऊ : छह जुलाई से 150 केंद्रों पर होगी सेमेस्टर परीक्षाएं, एग्जाम में संक्रमित होने पर AKTU कराएगा इलाज
कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गई तो विवि कर्मचारी कल्याण निधि से 5 लाख रुपये संबंधित परिवार को आर्थिक मदद के रूप में दिया जाएगा
लखनऊ, जेएनएन। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) में छह जुलाई से प्रस्तावित सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। विवि प्रशासन ने अपने सभी कॉलेजों को तीन कैटेगरी में बांटा है। इसमें ए कैटेगरी में शामिल करीब 50 कॉलेजों को सेल्फ सेंटर बनाया जाएगा। बी और सी कैटेगरी में शामिल सेंटरों में दूसरे कॉलेजों के विद्यार्थियों को परीक्षा देने की व्यवस्था बनाई है। बी और सी कैटेगरी के संस्थानों के लिए सेल्फ सेंटर की व्यवस्था नहीं होगी। इन संस्थानों में अतिरिक्त पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे। दरअसल, विवि प्रशासन ने कॉलेजों की पिछली परीक्षाओं में उनके रिजल्ट और गतिविधियों को देखते कॉलेजों की कैटेगरी निर्धारित की है। एकेटीयू इस बार करीब 150 केंद्रों पर परीक्षा कराएगा। इसमें से 50 कॉलेजों में सेल्फ सेंटर होगा। मंगलवार को एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से परीक्षा समिति की बैठक हुई। बैठक में प्रस्तावित निर्णय लिया गया कि यदि लॉकडाउन की तय समय की स्थिति के आधार पर 30 जून के बाद संस्थान खुलते हैं, तो 6 जुलाई से प्रस्तावित शेड्यूल के अनुरूप परीक्षाएं कराई जाएंगी। यदि लॉकडाउन 30 जून के बाद भी नहीं खुलता है, तो आगे निर्णय लिया जाएगा।बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि लॉकडाउन में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। ऐसे में सेमेस्टर एग्जाम में किसी छात्र की उपस्थिति कम होने के आधार पर परीक्षा में शामिल होने से नहीं रोका जाएगा। इसके अलावा इस बार सभी केंद्रों पर निगरानी के लिए आइपी आधारित सीसी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया हैं, जिसे विवि द्वारा लाइव मॉनीटर किया जा सके। इसके अलावा सेशनल और सेमेस्टर परीक्षाओं में शामिल होने वाले सभी छात्रों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा एमटेक, एमफार्म, एमआर्क, बीटेक के वाइवा ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किए जाएंगे।
संक्रमित होने पर एकेटीयू कराएगा इलाज
परीक्षा समिति ने निर्णय लिया है कि यदि परीक्षा के दौरान कोई भी छात्र, कर्मचारी एवं अधिकारी कोरोना पॉजिटिव हो जाता है तो उसके पूरे इलाज का खर्च विवि के छात्र कल्याण एवं कर्मचारी कल्याण निधि से उठाया जाएगा। यदि इस दौरान किसी कर्मचारी एवं अधिकारी कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गई तो विवि कर्मचारी कल्याण निधि से 5 लाख रुपये संबंधित परिवार को आर्थिक मदद के रूप में दिया जाएगा।