लखनऊ : यूपी सरकार ने 16 लाख कर्मचारियों के छह भत्ते समाप्त किए, आदेश जारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ सरकार ने कोविड-19 महामारी से प्रदेश के राजस्व पर पड़े विपरीत असर का हवाला देते हुए नगर प्रतिकार भत्ते सहित छह भत्तों को समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है। इससे सरकारी खजाने से प्रतिवर्ष करीब 1500 करोड़ रुपये की बचत होगी। इस आदेश से करीब 16 लाख कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है।अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा नगर प्रतिकर भत्ता समाप्त किया जा चुका है तथा केंद्रीय सचिवालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सचिवालय भत्ता स्वीकृत नहीं किया गया है। दूसरी ओर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान तथा सचिवालय के कर्मियों को केंद्रीय सचिवालय के अधिकारियों व कर्मचारियों के समान वेतन संरचना का लाभ दिया जा रहा है। इस स्थिति में राज्य कर्मचारियों को नगर प्रतिकर भत्ता व सचिवालय कर्मचारियों को सचिवालय भत्ता दिए जाने का कोई औचित्य नहीं है।इसी तरह विभिन्न विभागों के कर्मियों को विशेष रूप से दिए जाने वाले 4 भत्तों को भी समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है। मित्तल ने इन भत्तों के बारे में कहा है कि ऐसे भत्ते जो या तो पूर्व में केंद्र सरकार द्वारा समाप्त किए जा चुके हैं या केंद्र सरकार में हैं ही नहीं और राज्य सरकार में स्वीकृत होते आ रहे हैं, उन्हें भी समाप्त करने का फैसला किया गया है।
31 मार्च तक के लिए किए गए स्थगित
प्रदेश सरकार ने बीते 24 अप्रैल को इन सभी भत्तों को 31 मार्च 2021 तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया था। राज्य कर्मचारियों को ग्रेड पे के अनुसार 250 रुपये से लेकर 900 रुपये और सचिवालय कर्मचारियों को 2000 रुपये तक नुकसान होने की संभावना है।
ये भत्ते हुए समाप्त
- नगर प्रतिकर भत्ता
- सचिवालय भत्ता
- पुलिस से जुड़े कर्मियों का विशेष भत्ता
- सभी विभागों के अवर अभियंताओं का विशेष भत्ता
- लोक निर्माण विभाग के कर्मियों को मिलने वाला रिसर्च भत्ता, अर्दली भत्ता व डिजाइन भत्ता
- सिंचाई विभाग के कर्मियों को मिलने वाला आईएंडपी भत्ता व अर्दली भत्ता