लखनऊ : तीन पालियों में 2-2 घंटे के पेपर कराएगा पुनर्वास विवि
लखनऊ। कोरोना संक्रमण के बीच डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि ने अपने स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है।विश्वविद्यालय में स्नातक व परास्नातक दोनों की परीक्षा तीन पालियों में 2-2 घंटे की होंगी। सत्रांत परीक्षा 1 जुलाई से प्रस्तावित की गई हैं। जबकि स्नातक व डिप्लोमा कोर्स में अभी सिर्फ अंतिम वर्ष की परीक्षा होगी। अन्य वर्षों की परीक्षा पर निर्णय आगे लिया जाएगा।कुलपति प्रो. राणा कृष्णपाल सिंह की अध्यक्षता में हुई परीक्षा समिति में तय हुवा की विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा राहत दी जाए। मूवमेंट कम हो और परीक्षा का अतिरिक्त दबाव भी न हो। इसे देखते हुवे यूजीसी के सुझाव के अनुसार तीन की जगह दो-दो घंटे के पेपर, तीन पालियों में परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया। परीक्षा के मद्देनजर 3 केंद्राध्यक्ष, 6 सहायक केंद्राध्यक्ष, 3 पर्यवेक्षक नामित किए जाएंगे।परीक्षा नियंत्रक डॉ. अमित कुमार राय ने बताया कि स्पेशल बैक पेपर की छूटी हुई परीक्षा भी 19 जुलाई से 31 जुलाई के बीच आयोजित की जाएगी। परीक्षा समिति ने संशोधित परीक्षा नियमावली को भी मंजूरी दी है। जिसके अनुसार विद्यार्थियों को पेपर में भी थोड़ी राहत मिलेगी। वहीं, दो घंटे के पेपर में भी दिव्यांग विद्यार्थियों को जो श्रुति लेखक की सहायता से पेपर देंगे। उन्हें 40 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। अन्य विद्यार्थियों को प्रमोट करने पर विचार परीक्षा नियंत्रक डॉ. अमित कुमार राय ने बताया कि अभी तक के हालात के अनुसार फ़ाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के पेपर कराने का निर्णय हुआ है। वहीं, स्नातक व डिप्लोमा के प्रथम व द्वितीय वर्ष, पीजी के पहले व तीसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों का आंतरिक मूल्यांकन कर अगले सेमेस्टर में प्रमोट करने पर चर्चा के बाद सैद्धांतिक सहमति बनी। हालांकि हालात बेहतर होने पर इनकी परीक्षा का निर्णय हालात के अनुसार लिया जाएगा। पीजी परीक्षा विभागीय स्तर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. अमित कुमार राय ने बताया कि परीक्षा समिति ने इस बार पीजी की परीक्षा केंद्रीय कृत न होकर विभागीय स्तर पर आयोजित करने का निर्णय लिया है। पेपर हेड की निगरानी में तैयार होंगे। उन्हें परीक्षा नियंत्रक कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद उसके सहयोग से आगे की कार्रवाई की जाएगी। पीजी में भी एक जुलाई से दूसरे व चौथे सेमेस्टर के पेपर ही होंगे। बाकी पर निर्णय कोरोना संक्रमण के आगे के हालात के अनुसार लिया जाएगा।