प्रयागराज : डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के 2004-05 सत्र की फर्जी और टेम्पर्ड बीएड डिग्री करने वाले शिक्षकों पर होगी कारवाई
प्रयागराज : डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के 2004-05 सत्र की फर्जी और टेम्पर्ड बीएड डिग्री के आधार पर परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में नौकरी पाने वालों पर कार्रवाई के बाद अब माध्यमिक स्कूलों में भी कार्रवाई की तैयारी है। आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री के आधार पर राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यिमक स्कूलों में चयनित शिक्षकों का रिकॉर्ड तलब किया गया है। अपर निदेशक माध्यमिक डॉ. महेन्द्र देव ने सभी डीआईओएस से ऐसे शिक्षकों की सूचना देने को कहा है।
यह है पूरा मामला:एसआईटी जांच में फर्जी मिले 3637 अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय ने नोटिस दिया था जिसमें 2823 ने जवाब नहीं दिया। नीलम चौहान समेत 608 अन्य ने विभागीय कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका की थी। इस पर कोर्ट ने फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त करने को उचित ठहराया था। 2004-05 सत्र में आगरा विवि ने 57 सहायता प्राप्त और 25 प्राइवेट कॉलेजों में बीएड कोर्स की भर्ती परीक्षा ली थी। कॉलेजों ने स्वीकृत सीटों से अधिक छात्रों का प्रवेश ले लिया था। बाद में फर्जी डिग्री की शिकायत पर एसआईटी को जांच सौंपी गई।
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माध्यमिक : 2004-05 में आगरा यूनिवर्सिटी से बीएड करने वाले शिक्षकों का ब्योरा तलब, विभाग में खलभली।
अब माध्यमिक शिक्षा विभाग में खलबली,
2004- 05 में बीएड करने वाले शिक्षकों का ब्योरा तलब आगरा यूनिवर्सिटी से बीएड करने वालों का मांगा गया ब्यौरा
बेसिक शिक्षा विभाग के बाद अब माध्यमिक शिक्षा विभाग से उन शिक्षकों का ब्योरा मांगा गया है कि जिन शिक्षकों ने वर्ष 2004-05 में आगरा यूनिवर्सिटी से बीएड किया है। इससे विभाग में हड़कम्प मचा है। इससे पहले बेसिक शिक्षा विभाग में जांच में ऐसे कुछ शिक्षकों की मार्कशीट में गड़बड़ी पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। अब माध्यमिक शिक्षा विभाग से जिस तरह ब्योरा मांगा गया है। इसकी एसआईटी जांच कराई जानी है। संयक्त शिक्षा निदेशक ने डीआईओएस को जो पत्र लिखा है। इसमें निर्धारित प्रारूप पर जिले के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत ऐसे शिक्षकों का ब्योरा मांगा गया है जिन्होंने वर्ष 2004-05 में बीएड का प्रशिक्षण डा. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा से किया है। इसके बाद से यह ब्योरा एकत्र करके भेजा जा रहा है। इससे पूर्व बेसिक शिक्षा विभाग में भी वर्ष 2004-05 में आगरा यूनिवर्सिटी से बीएड करने वाले शिक्षकों की जांच कराई गई थी। विभागीय जांच के साथ ही एसआईटी जांच भी कराई गई थी। इसके बाद कई शिक्षकों पर कार्रवाई भी की गई थी। अब शासन के निर्देश पर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत ऐसे शिक्षकों का ब्योरा मांगा गया है। डीआईओएस महेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत उन शिक्षकों की जानकारी मांगी गई है उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से बीएड किया है। निर्धारित प्रारूप पर ऐसे शिक्षकों का ब्यौरा भेजा जा रहा है। फिलहाल अपने जिले में ऐसा एक ही शिक्षक पाया गया है।