सीबीएसई ने नोटिफिकेशन जारी कर स्कूलों को ऐसे छात्रों के लिए ऑनलाइन ऑफलाइन या किसी भी नए तरीके से फेल हुए विषयों का टेस्ट आयोजित कर उन्हें पास होने का मौका देने को कहा है।
मेरठ, जेएनएन। सत्र 2019-20 में कक्षा नौवीं व 11वीं में फेल हुए छात्रों को पास होने का और एक मौका मिलेगा। स्कूलों में परीक्षा के बाद रिजल्ट जारी हो चुके हैं अथवा अभी परीक्षा ही नहीं हुई है। जहां रिजल्ट जारी हो चुके वहां के फेल छात्रों, जहां जारी नहीं हुए वहां के सभी छात्रों और जिन स्कूलों ने वार्षकि परीक्षा के बाद छात्रों को दूसरा मौका पहले ही दे दिया है, वहां के भी फेल छात्रों को और एक मौका दिया जाएगा। सीबीएसई ने एक बार नोटिफिकेशन जारी कर स्कूलों को ऐसे छात्रों के लिए ऑनलाइन, ऑफलाइन या किसी भी नए तरीके से फेल हुए विषयों का टेस्ट आयोजित कर उन्हें पास होने का मौका देने को कहा है। टेस्ट के पहले तैयारी के लिए छात्रों को पर्याप्त समय भी दिया जाएगा।
यह अंतिम मौका होगा
सीबीएसई ने कहा है कि छात्रों को यह मौका विषयों और पिछले मौका की संख्या को नजरअंदाज कर देना है। सीबीएसई के अनुसार वर्तमान में नाजुक हालात को देखते हुए परीक्षा में पास होने का और एक मौका केवल इसी साल दिया जा रहा है। यह व्यवस्था अगले सत्र में नहीं रहेगी। छात्रों और स्वजनों से मिल रही सिफारियों को देखते हुए ही सीबीएसई ने और एक मौका देने का निर्णय लिया है।
छात्रों को दबाव से निकालना है
सीबीएसई के अनुसार कोरोना महामारी के दौर में हर कोई घरों में कैद है। बच्चों के स्कूल बंद हैं। वह मानसिक अवसाद का शिकार हो रहे हैं। स्वजन भी अपने वेतन और परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में जो बच्चे परीक्षा में पास नहीं हो सके हें वह अधिक तनाव में होंगे। इसीलिए ऐसे परिवारों और छात्रों को और एक मौका देने का निर्णय लिया गया है। सीबीएसई और मानव संसाधन विकास मंत्री ने ट्वीट पर भी इसकी जानकारी दी है।
स्कूल नहीं मान रहे सीबीएसई का निर्देश
इससे पहले भी सीबीएसई ने एक अप्रैल को भी जारी दिशा-निर्देश में नौवीं व 11वीं के छात्रों के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन टेस्ट आयोजित कर छात्रों को रिजल्ट के आधार पर उत्तीर्ण करने को कहा था। जिन स्कूलों में वार्षकि परीक्षाएं हो चुकी थीं वहां के फेल छात्रों को भी दोबारा टेस्ट लेकर पास होने का मौका दे भी दिया। पर कई स्कूल ऐसे भी हैं जिन्होंने रिजल्ट में फेल छात्रों को कोई मौका अब तक नहीं दिया। उन्हीं स्कूलों के बच्चों और स्वजनों की शिकायत के बाद ही सीबीएसई ने फेल हर बच्चे को और एक मौका अनिवार्य रूप से देने को कहा है। यह टेस्ट स्कूलों में ही होंगे।