लखनऊ : उच्च शिक्षा कॉपियों के मूल्यांकन के लिए अब 60 हजार तक भुगतान, सत्र 2019-20 के लिए मूल्यांकन की विकेंद्रीकृत व्यवस्था की भी अनुमति दी
प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालय शासन ने लॉक डाउन को देखते हुए विश्वविद्यालयीय परीक्षाओं के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए शैक्षिक सत्र 2019-20 में अधिकतम भुगतान की सीमा को 40 हजार से बढ़ाकर 60 हजार रुपये कर दिया है। इसके साथ ही मूल्यांकन की विकेंद्रीयकृत व्यवस्था के लिए भी अनुमति दे दी गई है। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस. गर्ग ने शुक्रवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया। इसमें कहा गया है कि उच्च शिक्षा विभाग के नियंत्रण वाले सभी विश्वविद्यालयों में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पारिश्रमिक के संबंध में एकरूपता बनाए रखने के लिए वर्ष 2011 में शासनादेश जारी किया गया था। इसके अनुसार शैक्षिक सत्र 2010-11 से वार्षिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए शिक्षकों के पारिश्रमिक की अधिकतम सीमा 40 हजार रुपये मात्र निर्धारित की गई थी। वर्ष 2019 में शासन द्वारा पारिश्रमिक दरों का पुनरीक्षण किए जाने के बाद भी अधितकम सीमा में कोई संशोधन नहीं किया गया था।
अब ताजा शासनादेश के अनुसार विश्वविद्यालय वर्तमान समय में आश्यकताओं एवं परिस्थितियों का आकलन करते हुए अपने स्तर से शैक्षिक सत्र 2019-20 के लिए अधिकतम सीमा 60 हजार रुपये तक कर सकते हैं। शासन ने यह भी कहा है कि केंद्रीय मूल्यांकन की व्यवस्था के स्थान पर स्थानीय आवश्यकताओं का आकलन करते हुए विश्वविद्यालय अपने स्तर पर विकेंद्रीकृत मूल्यांकन की व्यवस्था लागू कर सकते हैं। यह अनुमति भी शैक्षिक सत्र 2019-20 के लिए दी गई है। केंद्रीय मूल्यांकन की व्यवस्था वर्ष 2006 के शासनादेश के अनुसार चल रही थी।