69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में महिला अभ्यर्थी को मिले थे महज तीन अंक
महिला अभ्यर्थी ने किया था दावा कि इम्तिहान में उसे मिलना चाहिए था कुल 90 अंक
प्रयागराज [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में महिला अभ्यर्थी को कम अंक मिलने का दावा हाई कोर्ट में टिक नहीं सका। महिला अभ्यर्थी को महज तीन अंक मिले थे और उसने दावा किया था कि इम्तिहान में उसे कुल 90 अंक मिलना चाहिए था। सुनवाई में न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उसने मन से अंक तय किए थे, इसलिए कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।असल में, भर्ती परीक्षा के मूल्यांकन को हाई कोर्ट में चुनौती देने के बाद परीक्षा संस्था में अभ्यर्थी के रिकॉर्ड खंगाले गए तो उलट तस्वीर सामने आई। महिला अभ्यर्थी की ओएमआर शीट बिल्कुल सादी मिली। उसमें केवल अनुक्रमांक और अन्य अनिवार्य सूचनाएं भरी हैं, प्रश्नों का जवाब नहीं दिया गया था। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का कहना है कि तीन अंक उसे इसलिए मिले, क्योंकि तीन सवालों के अंक सभी को समान रूप से दिए गए थे।महिला अभ्यर्थी रेखा वर्मा ने फैजाबाद में यह परीक्षा दी थी, उसने ओएमआर शीट की प्रतिलिपि लगाकर हाईकोर्ट में मूल्यांकन को चुनौती दी थी। प्रतिलिपि में दर्ज प्रश्नों के जवाब के आधार पर वह कुल 90 अंक मिलने का दावा कर रही थी।लखनऊ खंडपीठ की सुनवाई में न्यायमूर्ति ने माना कि अभ्यर्थी ने अपने मन से अंक तय किए हैं। इसलिए कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।यह याचिका 68500 शिक्षक भर्ती में भी उन्नाव की सोनिका देवी की तर्ज पर की गई थी, जिसमें परीक्षा संस्था की ओर जारी स्कैन कॉपी को आधार बनाकर उसने मूल्यांकन को चुनौती दी थी। जिसमें उसे फेल किया गया था। कॉपी की बारकोड जांच होने पर गड़बड़ी मिली थी। हालांकि सोनिका देवी को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति मिल चुकी है।