लखनऊ : बच्चों के यूनिफार्म में फंसे शिक्षकों के 8 लाख रूपए
लखनऊ। कार्यालय संवाददाता परीषदीय विद्यालयों में बच्चों को दी जाने वाली निशुल्क यूनिफार्म में शिक्षकों का लाखों रूपया एक साल से फंसा हुआ है। इसे लेकर शिक्षकों में काफी रोष है। उनका कहना है कि इस बार वह अपनी जेब से पैसा नहीं खर्च करेंगे बल्कि विभाग जितने बच्चों के यूनिफार्म का पैसा देगा। वह उतने ही बच्चों को वितरित करेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से परीषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को विभाग की ओर से दो जोड़ी निशुल्क ड्रेस वितरित की जाती है। शिक्षकों का कहना कि कुछ ब्लाकों में बच्चों की यूनिफार्म शिक्षक खरीद कर देते हैं। उसका विभाग की ओर से छात्र संख्या के हिसाब से शिक्षक के बैंक एकाउंट में दिया जाता है। इसके बाद शिक्षक निर्धारित दुकान से यूनिफार्म खरीद कर छात्रों में वितरित करते हैं। विभाग की ओर से दो बार में शिक्षकों के एकाउंट में पैसा दिया जाता है। शिक्षकों ने बताया कि विभाग की ओर से अब तक पहली किस्त ही दी गई है। शिक्षकों ने बच्चों को दो जोड़ी यूनिफार्म बांट दी है। ऐसे में दुकानदार रोजाना शिक्षकों से बाकाया राशि के लिए तकाजा करते हैं। बेइज्जती से बचने के लिए शिक्षकों ने दुकानदार को अपनी जेब से भुगतान कर दिया है।
शिक्षकों के आठ लाख रूपए फंसे
प्राथमिक शिक्षक संघ के वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि लखनऊ में डेढ़ लाख से अधिक छात्र परीषदीय विद्यालयों में पढ़ते हैं। यूनिफार्म वितरण में 1500 से अधिक शिक्षकों के करीब 8 लाख रूपए विभाग पर बाकी हैं। शिक्षक अपनी जेब से दुकानदार को बकाया भुगतान कर चुके हैं। नए सत्र में विभाग यूनिफार्म वितरण के लिए जितना भुगतान करेगा, उतने ही बच्चों को यूनिफार्म वितरित किया जाएगा। शिक्षक अब अपनी जेब से पैसे नहीं लगाएंगे।