लखनऊ : कोरोना संकट-बगैर वित्त विभाग की स्वीकृति के नहीं बंटेगी छात्रवृत्ति व फीस भरपाई की राशि
विशेष संवाददाता-राज्य मुख्यालय प्रदेश में समाज कल्याण विभाग की ओर से दी जाने वाली फीस भरपाई और छात्रवृत्ति बगैर वित्त विभाग की स्वीकृति के नहीं दी जा सकेगी। कोरोना संकट से उपजे आर्थिक हालात को देखते हुए वित्त विभाग ने यह आदेश जारी किया है। मगर विभाग ने जुलाई से शुरू होने वाले नए शैक्षिक सत्र में प्री- मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक कक्षाओं में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और फीस भरपाई दिए जाने के लिए अपनी कार्ययोजना तैयार कर ली है। इस बाबत केंद्र और राज्य सरकार से आवश्यक धनराशि की मांग भी कर ली गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्री मैट्रिक यानि कक्षा 9 व 10 के अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को 2020-21 के शैक्षिक सत्र में छात्रवृत्ति देने के लिए 122 करोड़ 78 लाख रुपये का केंद्रांश केन्द्र सरकार से मांगा गया है। विभाग का अनुमान है कि इस साल प्री मैट्रिक कक्षाओं के 5 लाख 80 हजार एससी छात्र-छात्राएं आवेदन कर सकते हैं। 2019-20 में 5 लाख 41 हजार 551 ऐसे छात्र-छात्राओं को कक्षा 9 व 10 के लिए 3-3 हजार रुपये वार्षिक की छात्रवृत्ति दी गई थी। पोस्ट मैट्रिक यानि कक्षा 11-12 और इससे ऊपर की अन्य कक्षाओं, मेडिकल, इंजीनियरिंग, पालीटेक्निक, आईटीआई, नर्सिंग आदि पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत एस.सी.छात्र-छात्राओं को फीस भरपाई और छात्रवृत्ति देने के लिए 2300 करोड़ रुपये विभाग को चाहिए। विभाग का अनुमान है कि इस साल ऐसे करीब 14.5 लाख छात्र-छात्राएं आवेदन कर सकते हैं। पिछले साल 13 लाख 60 हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था। कुल 2 हजार 37 करोड़ रूपये की मांग सृजित हुई थी। इनमें से सभी छात्र-छात्राओं को उनकी फीस भरपाई की राशि दे दी गयी। 2 लाख 4 हजार 666 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भी दे दी गयी। मगर अभी भी 11 लाख 55 हजार 710 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी है। छात्रवृत्ति देने के लिए 428 करोड़ 87 लाख रूपये राज्य सरकार से चाहिए।