प्रयागराज।माध्यमिक शिक्षक संघ के मूल्यांकन कार्य के बहिष्कार के बीच मंगलवार को उत्तर पुस्तिकाएं जांचने का काम शुरू हो गया। पहले दिन मूल्यांकन के लिए बहुत कम संख्या में शिक्षक मूल्यांकन केंद्रों तक पहुंचे। कुछ शिक्षक केंद्रों तक पहुंचे, लेकिन वे मूल्यांकन कार्य से दूर रहे। अधिकारियों का दावा है कि पहले दिन मूल्यांकन के लिए 40 से 45 फीसदी शिक्षक मूल्यांकन को पहुुंचे, जबकि शिक्षक नेताओं का दावा है कि अधिकांश मूल्यांकन केंद्रों पर 10 से 15 फीसदी ही शिक्षकों की उपस्थिति रही।पहले दिन सोशल डिस्टेंसिंग और सरकार की ओर से गाइड लाइन के अनुरूप मूल्यांकन शुरू हो गया। शिक्षक नेताओं का कहना था कि प्रशासन ने दबाव बनाकर परीक्षकों को मूल्यांकन केंद्र तक बुला तो लिया परंतु उन्होंने मूल्यांकन नहीं किया। परीक्षकों को मूल्यांकन केंद्र के भीतर थर्मल स्कैनिंग के बाद प्रवेश दिया गया। मूल्यांकन केंद्रों पर सैनिटाइजेशन मशीन के अलावा हैंडवॉश, साबुन, सैनिटाइजर, पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई।जिलाविद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा, प्रभारी सह जिला विद्यालय निरीक्षक बीएस यादव एवं केके त्रिपाठी ने मूल्यांकन केंद्रों का निरीक्षण किया। पहले दिन के मूल्यांकन के दौरान मंडलायुक्त आर रमेश कुमार, पुलिस महानिरीक्षक केपी सिंह, संयुक्त शिक्षा निदेशक दिव्यकांत शुक्ल, जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा ने जगत तारन गल्र्स इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, राजकीय इंटर कॉलेज का निरीक्षण किया। राजकीय इंटर कॉलेज में मूल्यांकन कक्ष में पंखा नहीं चलने पर मंडलायुक्त ने केंद्र व्यवस्थापक को फटकार लगाई। मंडलायुक्त ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क और दस्ताने के साथ मूल्यांकन करने को कहा।मूल्यांकन में लगे शिक्षकों ने मंडलायुक्त एवं आईजी से मूल्यांकन के लिए आने के दौरान रास्ते में पुलिस की ओर से रोके जाने और परेशान करने की शिकायत की। दोनों अधिकारियों ने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि उन्हें रास्ते में रोका नहीं जाएगा। आईजी ने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में लगे हुए परीक्षकों को घर से सेंटर व सेंटर से घर आने-जाने में पुलिस प्रशासन की ओर से सहयोग किया जाएगा। मूल्यांकन कार्य में लगे परीक्षकों को बोर्ड द्वारा इस हेतु जारी पत्र, जिसमें संबंधित परीक्षक का फोटो भी लगा हो, उसे साथ रखना अनिवार्य होगा तथा पुलिस द्वारा मांगे जाने पर दिखाना होगा।शासन के सख्त निर्देश के बाद भी डॉ. केएन काटजू इंटर कॉलेज मूल्यांकन केंद्र पर सैनिटाइजेशन नहीं कराए जाने के विरोध में शिक्षकों ने मूल्यांकन केंद्र के बाहर आकर विरोध किया।दोपहर बाद प्रशासन की ओर से साफ-सफाई कराए जाने पर शिक्षक माने। माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के जिलाध्यक्ष राम प्रकाश पांडेय एवं मंत्री अनुज पांडेय ने बताया कि बिना व्यवस्था के शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए बाध्य किया जा रहा है।शासन की ओर से मूल्यांकन केंद्रों पर सैनिटाइजेशन एवं थर्मल स्कैनिंग कराए जाने के निर्देश के बाद भी स्थानीय प्रशासन की ओर से थर्मल स्कैनिंग के लिए स्कूल के शिक्षकों एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को लगा दिया गया। इस कारण से शिक्षकों को डर है कि जांच करते समय कहीं यदि कोई कोरोना पाजिटिव निकला तो इसका असर उनपर भी पड़ सकता है। केपी इंटर कॉलेज के एक शिक्षक ने जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र भेजकर अपनी समस्या बताई तो उन्होंने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने की बात कही। केपी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. योगेंद्र सिंह ने शिक्षकों एवं कर्मचारियों के बीमार होने की आशंका जाहिर की। उन्होंने इसके लिए प्रशिक्षित लोगों को लगाने की मांग की।
शासन की ओर से मूल्यांकन के दौरान केंद्रों पर थर्मल स्कैनर, मास्क, सैनिटाइजर सहित दूसरी वस्तुओं की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन की ओर से मूल्यांकन प्रभारियों पर दबाव बनाकर इन वस्तुओं को खरीदने के लिए कहा गया। स्कूल वाले अपनी व्यवस्था से मॉस्क, सैनेटाइजर, ग्लब्स और थर्मल स्कैनर खरीद रहे हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने कहा कि स्कूल वालों को छात्र निधि और विद्यालय निधि के पैसे खर्च करके इन संसाधनों को खरीदना पड़ रहा है।