प्रयागराज : शिक्षक भर्ती लॉकडाउन में दब गई विरोध करने वालों की आवाज, परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पहुंच कर कोई परीक्षार्थी नहीं कर पाया विरोध
प्रयागराज। परिषदीय विद्यालयों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में गड़बड़ी को लेकर ऐसा नहीं कि कोई विरोध नहीं हुआ, विरोध करने वाले परीक्षार्थियों की आवाज लॉकडाउन में दबकर रह गई। परीक्षार्थियों ने परीक्षा केंद्रों पर बड़े पैमाने पर नकल, पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने का आरोप लगाया था। पेपर आउट होने वाले मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। परीक्षार्थियों का यह भी आरोप है कि कुछ केंद्रो पर एक लाइन से बड़ी संख्या में लोग पास हुए हैं, इन छात्रों का कहना है कि लगभग नौ हजार परीक्षार्थियों ने अपनी ओएमआर शीट पर बुकलेट सीरीज भी नहीं लिखी है, इस कारण से इनका मूल्यांकन नहीं हुआ। इन मुद्दों को लेकर सामान्य दिन होते तो सचिव परीक्षा नियामक को परीक्षार्थियों का विरोध संभाले नहीं संभालता लेकिन लॉकडाउन ने छात्रों के हाथ पैर बांध दिए।
पेपर लीक मामले में नहीं हुई कोई कार्रवाई
69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा छह जनवरी 2019 को हुई, परीक्षा वाले दिन ही शिक्षक भर्ती का पर्चा लीक होने को लेकर पूरे प्रदेश में विरोध शुरू हो गया था। इस मामले में नकल कराने वाले बड़े गैंग को भी एसटीएफ एवं पुलिस ने पकड़ा था, कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इसके बाद भी पुलिस ने इस गैंग के मुख्य सरगना को क्यों नहीं पकड़ा। सामान्य दिन होते तो परीक्षार्थी हंगामा काट देते परन्तु लॉकडाउन ने बचा दिया। न्याय मोर्चा के सुनील मौर्य का कहना है कि पेपर लीक मामले में आज भी कोर्ट में याचिका लंबित है।
एक केंद्र से सीरीज में कई परीक्षा पास हो गए
परीक्षार्थियों का आरोप है कि एक परीक्षा केंद्र से कई परीक्षार्थी सीरीज में अच्छे नम्बर से सफल हुए हैं, इन केंद्रों पर पहले भी छात्रों ने अनियमितता के आरोप लगाए थे। परीक्षार्थियों ने सरकार से पूरे मामले की जांच की मांग की है। प्रतियोगी छात्रों राकेश कुमार पांडेय, अमित कुमार सिंह, अनिल कुमार ने पूरे मामले की जांच की मांग की है, उन्होंने चेतावनी दी है कि उनकी सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट जाएगें। नहीं भारी बुकलेट सीरीज, ओएमआर का मूल्यांकन नहीं हुआ ----- शिक्षक भर्ती परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाने वाले न्याय मोर्चा के सुनील मौर्य का कहना है कि नकल करने वाले लगभग नौ हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा के दौरान साल्व कॉपी मिलने के बाद जल्दबाज़ी में ओएमआर तो भर दी परंतु वह बुकलेट सीरीज लिखना भूल गए। उनका कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि परीक्षा केंद्रों पर साल्व कराने वालों ने यह कह दिया हो कि बुकलेट सीरीज बाद में भर देंगे। सुनील का कहना है कि वह इस मामले को आगे ले जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि 40 हजार अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट बिना कारण नहीं चेक की गई।