वरिष्ठ संवाददाता,लखनऊ।लखनऊ विश्वविद्यालय में अब योग और प्राकृतिक चिकित्सा भी पढ़ने का मौका मिलेगा।विश्वविद्यालय में इस क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए योग और वैकल्पिक चिकित्सा संकाय शुरू करने जा रहा है। संकाय दो विभागों में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों का संचालन करेगा। आगामी शैक्षिक सत्र 2020-21 में ही इसकी शुरुआत की जा रही है। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि संकाय के दो विभाग होंगे। पहला योग विभाग और दूसरा प्राकृतिक चिकित्सा विभाग । स्नातक, स्नातकोत्तर, पीजी डिप्लोमा, एकीकृत पांच साल का कार्यक्रम और पीएचडी कार्यक्रम चलाएगा। योग विभाग में स्नातक कार्यक्रम में 60 सीटें होंगी, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा में क्रमशः 50 और 40 सीटें होंगी। प्राकृतिक चिकित्सा विभाग में बी इन वाई एस (बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज) की स्नातक डिग्री में 60 सीटें होंगी और पीजी डिप्लोमा में 40 सीटें। विश्वविद्यालय में वर्तमान चल रहे मानव चेतना और योग संस्थान को नए संकाय के साथ मिला दिया जाएगा।
*बीमारियों पर भी होगा शोध :*
लखनऊ विश्वविद्यालय इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड मॉलिक्यूलर जेनेटिक्स एंड इंफेक्शियस डिजीजनामक एक अंतःविषयी अनुसंधान, शिक्षण और प्रशिक्षण संस्थान भी शुरू कर रहा है। संस्थान का आणविक स्तर पर डीएनए विश्लेषण, आरएनए विश्लेषण आदि जैसे विषयों में शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान पर जोर दिया जाएगा। साथ ही, संक्रामक रोगों के आणविक जीव विज्ञान को समझना और उनसे सम्बन्धी तकनीकों जैसे रियल टाइम पीसीआर (पॉलीमरेज चेन रिएक्शन), इलेक्ट्रोफोरोसिस, एचपीएलसी (हाई परफॉरमेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी), मास स्पेक्ट्रोमेट्री, आदि में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। संस्थान आनुवांशिकी और संक्रामक रोगों के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशाला, सेमिनार, प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम आदि भी प्रदान करेगा।