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प्रयागराज : महंगाई भत्ता फ्रीज न करने की पीएम व सीएम से अपील, एनपीएस को ओपीएस में परिवर्तित करने की मांग

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प्रयागराज : महंगाई भत्ता फ्रीज न करने की पीएम व सीएम से अपील, एनपीएस को ओपीएस में परिवर्तित करने की मांग

प्रयागराज (हि.स.)। अटेवा पेंशन बचाओ मंच उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं इलाहाबाद-झांसी खण्ड सातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी प्रत्याशी डॉ. हरि प्रकाश यादव डालकर अपने परिवार की चिंता किए बिना इस महामारी से उत्पन्न संकट काल में पूरी सिद्दत और तन्मयता के साथ जन सेवा कर रहे हैं। इनकी यह जनसेवा अद्वितीय, ने संकट के ऐसे समय में सभी अनुकरणीय व प्रशंसनीय है। शासकीय कर्मचारियों द्वारा एक इनकी इस सेवा की जितनी भी दिन का वेतन सीएम के यर फड में कोरोना महामारी से निपटने हेतु दान करने के बावजूद सरकार द्वारा महंगाई भत्ता को फ्रीज न करने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से अपील की है। 

डॉ. हरि प्रकाश यादव ने पत्रकारों से फेन वार्ता करते हुए कहा कि एक ओर जहां इस राष्ट्रीय आपदा में जनता से मोटी रकम वसूलने वाले निजी अस्पतालों का सहयोग किसी से छुपा नहीं है। वहीं दूसरी ओर शासकीय सेवक चाहे वह डॉक्टर हो. चिकित्सा कर्मी, पुलिस या अर्धसैनिक बल, सफाई कर्मी, विद्युत कर्मी या अन्य सरकारी कर्मचारी हो। सभी अपनी जान जोखिम में यह जनसेवा त्याग और बलिदान का उत्कृष्टतम उदाहरण है।

डॉ. यादव ने कहा कि देश और प्रदेश के आर्थिक संकट से उबारने के लिए उपाय हैं जिसमें से एक महत्वपूर्ण उपाय यह है कि एनपीएस को ओपीएस में बदल दिया जाए। एनपीएस में 10 प्रतिशत कर्मचारी के वेतन से तथा 14 प्रतिशत सरकार अंशदान करती है। प्रदेश के 15 लाख एनपीएस धारकों का 10 प्रतिशत अंशदान प्रतिमाह निजी कंपनियों के खाते में जमा होने वाली धनराशि जीपीएफखाता में जमा होगी। यदि औसत एक कर्मचारी का अंशदान 5000 मान लें तो प्रतिमाह साढ़े सात अरब होता है। जिसका उपयोग सरकार अपने सरकारी कार्यों के लिए कर सकती है। जिससे सरकार की उन्नति होगी या अवनति इस देश के सम्मानित सभी दलों के राजनेता व समस्त नागरिकगण गंभीरता से विचार करें ।

परन्तु एनपीएस में निजी कंपनियों के हाथों में प्रतिमाह साढे सात अरब जाने से सरकार को क्या लाभ हो रहा है और सरकारी कर्मचारी को क्या लाभ हो रहा है। साथ ही सरकार द्वारा जो 14 प्रतिशत अंशदान दिया जाता है उसे औसत एक कर्मचारी के पीछे 7000 प्रतिमाह मान लें तो इस हिसाब से साढ़े दस अरब रुपए प्रतिमाह बचेगा कुल मिलाकर 18 अरब प्रतिमाह एनपीएस के तहत निजी कंपनियों को जा रहा है। अतः यदि सरकार एनपीएस को समाप्त कर ओपीएस बहाल कर दे तो इससे प्रदेश का भी भला होगा और सरकारी कर्मचारी का भी भला होगा।

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