नई दिल्ली : महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर को छोड़कर अन्य सभी छात्रों को किया जाएगा प्रमोट
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली यूनिवर्सिटी एग्जाम को लेकर पिछले कई दिनों से बनी असमंजस और अनिश्चितता की स्थिति पर महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को विराम लगा दिया। राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि महाराष्ट्र की सभी यूनिवर्सिटी में स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स में फाइनल ईयर के छात्रों को छोड़कर अन्य सभी छात्रों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा। फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा जुलाई माह में आयोजित होगी। राज्य सरकार का यह फैसला विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की सिफारिशें जारी होने के बाद एक सप्ताह से भी कम समय में आया है। सामंत ने फेसबुक लाइव में कहा, 'फाइनल ईयर के छात्रों को छोड़कर अन्य सभी को अगले ऐकेडमिक ईयर में प्रमोट कर दिया जाएगा। फाइनल ईयर के एग्जाम 1 जुलाई से 30 जुलाई के बीच होंगे। तिथियों को लेकर अंतिम निर्णय भविष्य में स्पष्ट कर दिया जाएगा। अगर कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन 30 जून से भी आगे बढ़ता है तो राज्य सरकार 20 जून से 25 जून के बीच एक बार फिर से बैठक करेगी। फिलहाल सभी यूनिवर्सिटी को फाइनल ईयर एग्जाम का टाइम टेबल तैयार करना चाहिए। रिजल्ट 15 अगस्त तक आ जाना चाहिए ताकि नया सत्र सितंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो सके।'
यूं पास होंगे फर्स्ट और सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स
फर्स्ट और सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स को अगली कक्षा में प्रमोट करने के लिए राज्य सरकार ने यूजीसी की सिफारिशें अपनाने का फैसला किया है। इन छात्रों के लिए 50-50% ग्रेडेशन का फॉर्मूला अपनाया जाएगा। 50 फीसदी मार्क्स छात्र की इंटरनल व इस सेमेस्टर के अन्य प्रोजेक्ट्स में परफॉर्मेंस और शेष 50 फीसदी मार्क्स स्टूडेंट्स के पिछले सेमेस्टर के मार्क्स के आधार पर दिए जाएंगे। जो स्टूडेंट्स किसी विषय के लिए ATKT चुनेंगे, उन्हें फिलहाल तो अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा लेकिन 120 दिनों के भीतर उन्हें वह परीक्षा पास करनी होगी।सामंत ने कहा, 'हम परीक्षा का समय 3 घंटे से घटाकर 2 घंटे कर सकते हैं या फिर हम 80 या 100 मार्क्स की बजाय 50 मार्क्स का थ्योरी का पेपर ले सकते हैं। लेकिन ये सभी फैसले यूनिवर्सिटी को लेने हैं। हमने यूनिवर्सिटी से कहा है कि वह गर्मी की छुट्टी पर फैसला ले और छात्रों को सूचित करे। सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करने के लिए प्रैक्टिकल एग्जाम या वायवा ऑनलाइन मोड से लेने की सलाह दी गई है।'
उन्होंने कहा कि एक हफ्ते में सीईटी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी। संबंधित अधिकारी इस पर मंथन कर रहे हैं।