हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज:प्रदेश में विभिन्न खेलों के सैकड़ों तदर्थ प्रशिक्षकों के सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है। मार्च के बाद मानदेय नहीं मिलने से तदर्थ प्रशिक्षक परेशान हैं।प्रयागराज के 21 प्रशिक्षक भी संकट की चपेट में आए हैं। सूबे में 450 तदर्थ प्रशिक्षकों का मानदेय 25 मार्च तक का भुगतान किया गया। उसके बाद कोई राशि नहीं मिली। प्रशिक्षकों का कहना है कि उनके कार्य का नवीनीकरण नहीं होने के कारण मानदेय रोक दिया गया।तदर्थ प्रशिक्षकों के कामों का बीते अप्रैल में नवीनीकरण होना था। प्रशिक्षक नवीनीकरण को लेकर आश्वस्त थे। बीते 25 मार्च से लॉकडाउन लगने के कारण तदर्थ प्रशिक्षकों के कामों का नवीनीकरण अटक गया। प्रशिक्षकों ने खेल निदेशालय से गुहार लगाई तो जवाब मिला कि लॉकडाउन समाप्त होने तक इंतजार करना होगा।तदर्थ प्रशिक्षक पाई-पाई के मोहताज हो गए हैं। प्रशिक्षकों ने बताया कि किसी को 20 हजार तो किसी को 25 हजार मानदेय मिल रहा था। इस राशि से किसी तरह घर चलता था। अब जीवन यापन का एकमात्र सहारा भी छिन गया है। प्रशिक्षकों के मानदेय रोके जाने के सवाल पर क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अनिल तिवारी ने बताया कि 25 मार्च तक सभी को मानदेय दिया गया। प्रशिक्षकों के नवीनीकरण का निर्णय शासन स्तर से होना है।
BASIC SHIKSHA, KGBV, SPORT, TRAINING : बेसिक, माध्यमिक और कस्तूरबा के
छात्रों व शिक्षकों को खेलकूद में तैयार करेंगे विदेशी प्रशिक्षक, डेनमार्क और
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