लखनऊ : बीएड किया कोलकाता विवि से और बर्खास्तगी अम्बेडकर विवि फर्जी डिग्री मामले में, अम्बेडकर विवि की फर्जी डिग्री मामले में बेसिक शिक्षा में नए निर्देश जारी
विशेष संवाददाता-- राज्य मुख्यालय डा. भीमराव अम्बेडकर विवि से फर्जी प्रमाणपत्र की आड़ में विभागीय अधिकारियों ने अन्य शिक्षकों को भी लपेट लिया है।हाथरस में एक शिक्षक ने कोलकाता विवि से 2002 बीएड किया था लेकिन उसे अम्बेडकर विवि से फर्जी डिग्री मामले में बर्खास्त कर दिया गया। इटावा में एक शिक्षक ने 2004 में बीएड किया था लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई और बर्खास्त कर दिया। इन जिलों के बीएसए को नए सिरे से मामले की सुनवाई करने के आदेश दिए हैं। मामला डा. भीमराव अम्बेडकर विवि से 2005 में फर्जी प्रमाणपत्र व अंकपत्र के सहारे नौकरी हासिल करने और फिर उन्हें बर्खास्त करने का है। इस मामले में आए हाईकोर्ट के ताजा फैसले के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने जिलों को निर्देश दिए हैं कि वे विभिन्न मामलों में समयबद्ध तरीके से निस्तारण करें। इस आधार पर लगभग 1600 शिक्षकों को विभाग बर्खास्त कर चुका है। फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाए 814 याची ऐसे हैं, जिनकी जांच विवि को 4 महीने में करनी है। इनमें जिन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र को विवि फर्जी करार देगा, उसके बर्खास्तगी आदेश को पुष्ट कर दिया जाएगा। वहीं यदि विवि इसे फर्जी नहीं मानेगी तो उन्हें तत्काल बहाल करते हुए बर्खास्तगी आदेश को वापस लिया जाएगा। विवि के निर्णय लेने तक किसी भी शिक्षक का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा। वहीं अंकपत्र में हेरफेर कर नौकरी करने वाले शिक्षकों के लिए विवि को छह महीने का समय दिया गया है लेकिन इन शिक्षकों को वेतन का भुगतान तभी होगा जब विवि उनकी अंकतालिका को सही मानेगा। यदि अंकतालिका में हेरफेर पाया गया तो उनकी बर्खास्तगी के साथ लाभों वसूली के लिए भी सरकार स्वतंत्र होगी, जो अंतरिम आदेश के बाद उन्होंने प्राप्त किए हैं। विवि ने हाईकोर्ट में बताया कि उसने ऐसे 3637 अभ्यर्थियों को नोटिस दी जिसमें से 2823 ने जवाब नहीं दिया है जबकि 814 अभ्यर्थियों ने जवाब दिया है जिनकी जांच करना बाकी है।