लखनऊ : यूपी में आठ तरह के भत्तों की समाप्ति से कर्मचारियों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी
वित्त विभाग के अधिकारियों की साजिश समझें मुख्यमंत्री
कहा, फैसला वापस हो नहीं तो 19 को काली पट्टी बांध जताएंगे विरोध
कर्मचारियों के आठ तरह के भत्ते खत्म किए गए हैं
कर्मचारियों का आरोप, अफसर चाहते हैं कि प्रदेश का वातावरण अशांत हो
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ:राज्य कर्मचारी संगठनों ने कर्मचारियों, शिक्षकों और पुलिस को मिलने वाले आठ भत्तों को समाप्त करने के फैसले पर आक्रोश व्यक्त किया है। साथ ही इस निर्णय के वापस न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे वित्त विभाग के अधिकारियों की साजिश समझें। जिन्होंने अपनी पीठ थपथपाने के लिए सरकार से अकारण और अनावश्यक यह निर्णय कराया है, जिससे प्रदेश में कर्माचारी आंदोलित हों और वातावरण अशांत हो।राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी व सेवानिवृत्त कर्मचारी व पेंशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरनाथ यादव ने कहा कि वित्त विभाग ने सरकार से अकारण और असमय कर्मचारी विरोधी यह फैसला कराया है। परिषद के महामंत्री शिवबरन यादव ने कहा कि भत्तों के स्थगन से जब सरकार पर खर्च का बोझ कम हो गया था तो ऐसा फैसला कराकर कर्मचारियों का मनोबल गिराने का जरूरत नहीं थी। खासतौर से तब जब कर्मचारी इस समय जान हथेली पर रखकर सेवाएं दे रहा है। उस समय पुरस्कार की जगह ऐसे फैसले होना कर्मचारियों को आक्रोशित करना है। अच्छा होगा कि सरकार कर्मचारियों को सड़क पर आने को मजबूर न करे।वहीं सुरेश रावत की अध्यक्षता वाली राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र मिश्र, उपाध्यक्ष सुनील यादव और महामंत्री अतुल मिश्र ने कहा कि प्रदेश के सभी कर्मचारी सरकार के फैसले से निराश हैं। सरकार निर्णय वापस ले अन्यथा 19 मई को कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे।
सचिवालय समन्वय समिति का भी विरोध का एलान
आठ तरह के भत्तों को समाप्त करने के विरोध में सचिवालय के संगठनों के समन्वय समिति की बुधवार को फिर सामूहिक बैठक बुलाई गई है। मंगलवार को भत्तों को समाप्त करने संबंधी आदेश जारी होने के बाद सचिवालय के विभिन्न सेवा संगठनों के पदाधिकारी एनेक्सी भवन सभाकक्ष में हुई। इसमें सर्वसम्मति से इस निर्णय के विरोध का फैसला हुआ।पदाधिकारियों ने कहा कि यह वित्त विभाग की सरासर मनमानी व तथा सचिवालय सहित समस्त राज्य कर्मचारियों को सरकार के विरुद्ध उकसाने का षड़यंत्र है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने एक बयान में कहा है कि कोविड के नाम पर कर्मचारियों को ठगा गया है।