हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज केस वन: चमनगंज कानपुर की चांदनी ने 69 हजार शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के फॉर्म में अपने स्नातक का पूर्णांक 800 की बजाय 900 लिख दिया। अब परिणाम आने के बाद इसमें सुधार के लिए परेशान हैं। शिक्षा निदेशालय स्थित बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में प्रत्यावेदन देकर संशोधन का अनुरोध किया है।
केस टू: कुशीनगर के विनय यादव ने फार्म में पूर्णांक, प्राप्तांक और प्राप्त प्रतिशत सभी गलत भर दिया था। अब लिखित परीक्षा में पास होने के बाद संशोधन कराने के लिए परेशान हैं। इन्होंने भी बेसिक शिक्षा परिषद में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।
ये तो सिर्फ बानगी भर है। 12 मई को घोषित 69 हजार शिक्षक भर्ती के फार्म में सफल सैकड़ों अभ्यर्थियों के फॉर्म में गलत नंबर भरे हैं। पूर्णांक और प्राप्तांक की गलती के कारण अभ्यर्थियों की मेरिट और जिला आवंटन तक प्रभावित हो रहा है। वैसे तो रिजल्ट घोषित होने के साथ ही ऐसे अभ्यर्थियों ने संशोधन के लिए संपर्क करना शुरू कर दिया है। लेकिन फिलहाल कोई राहत मिलती नहीं दिख रही। ऐसे अभ्यर्थी भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन तो कर देंगे लेकिन 3 से 6 जून तक काउंसिलिंग के दौरान जिला चयन समिति उनके अभ्यर्थन पर विचार नहीं करेगी।जो अंक, प्राप्तांक और प्रतिशत लिखित परीक्षा के फार्म में है उसी के आधार पर काउंसिलिंग कराई जाएगी। यदि अंकों में किसी प्रकार का अंतर है तो उसे निरस्त कर दिया जाएगा। क्योंकि इससे पहले किसी भी भर्ती में नंबरों की गलती पर कभी विचार नहीं किया गया है। बेसिक शिक्षा परिषद अंकों में संशोधन की छूट देने पर सहमत नहीं है। हालांकि फिलहाल इस मसले पर कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
ओएमआर शीट के गोले गलत भरने पर भी राहत नहीं
भर्ती की लिखित परीक्षा कराने वाली संस्था परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने परिणाम जारी होने के तत्काल बाद कार्यालय के बाहर नोटिस चस्पा करा दिया था। नोटिस के अनुसार-'परीक्षा के समय निर्गत ओएमआर उत्तरपत्रक में प्रश्न पुस्तिका सीरीज के गोले को काला न करने या त्रुटिपूर्ण अंकित करने पर उसका मूल्यांकन नहीं करने के शासन ने निर्देश दिए हैं। अत: 6 जनवरी 2019 को आयोजित सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 के परीक्षा के उक्त कारणों से अवरुद्ध परीक्षाफल में किसी भी प्रकार के प्रत्यावेदन विचारणीय नहीं होंगे। इस संबंध में अनावश्यक संपर्क न करें तथा दलालों से सावधान रहें। यदि उक्त संशोधन के संबंध में किसी व्यक्ति/विभागीय कर्मचारी की ओर से आश्वासन दिया जाता है तो उसके संबंध में तत्काल सचिव एवं कार्यालय के रजिस्ट्रार या उपरजिस्ट्रार को सूचित करें।'
ऑनलाइन आवेदन के विज्ञापन को दी चुनौती
फ़िरोज़ाबाद के रोविन सिंह ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका (4262/ 2020) कर 18 मई को जारी शिक्षक भर्ती के ऑनलाइन आवेदन के विज्ञापन को चुनौती दी है। रोविन का कहना है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती के पहले चरण में 5 प्रतिशत अंकों में छूट का लाभ लेकर उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से उन्हीं के वर्ग (ओबीसी, एससी, एसटी या अन्य आरक्षित वर्ग) में समायोजित करना चाहिए। दावा किया कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज में यह व्यवस्था 18 दिसम्बर 2019 से लागू है। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा चयन आयोग में यह व्यवस्था पहले से लागू है।