लखनऊ। विधि संवाददाता कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में फीस न बढाने के राज्य सरकार के आदेश को प्राइवेट स्कूलों ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष चुनौती दी है। साथ ही उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम- 2005 को असंवैधानिक घोषित करने की भी मांग की गई है। न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए, राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है व महाधिवक्ता को भी नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।यह आदेश न्यायमूर्ति अनिल कुमार और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ यूपी व एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है। याचिका में प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा के 27 अप्रैल 2020 के व अपर मुख्य सचिव के 1 मई 2020 के आदेशों को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि उक्त आदेशों को जारी करते हुए, गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के इस वर्ष फीस वृद्धि पर रोक लगा दी गई है। याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि उत्तर प्रदेश सेल्फ फिनान्स इंडिपेंडेंट स्कूल्स (फी रेगुलेशन) एक्ट 2018 के तहत फीस वृद्धि की जा सकती है। फीस वृद्धि से कोई शिकायत होने पर अभिभावक फी रेग्युलेट्री कमेटी के समक्ष जा सकते हैं लेकिन बिना किसी अभिभावक के आपत्ति आए, सरकार ने स्वतः संज्ञान लेकर यूपी आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत उक्त आदेश जारी कर दिये। दलील दी गई कि विशेष प्रावधान के होते हुए, इस प्रकार का शासनात्मक आदेश जारी करना विधि के अनुरूप नहीं है। याचिका में यूपी आपदा प्रबंधन अधिनियम को केंद्रीय अधिनियम का अतिक्रमण करने वाला बताते हुए, इसे भी असंवैधानिक गोषित किये जाने की मांग की गई है।
राज्य सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों को उद्धत करते हुए याचिका का विरोध किया गया। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने सरकार से जवाबी हलफनामा तलब किया। लेकिन न्यायालय ने याचियों के पक्ष में अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है।