प्रयागराज : लॉक डाउन में पूर्व कुलपति प्रो. हांगलू के खिलाफ अटकी जांच
प्रयागराज।इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के पूर्व कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू के खिलाफ चल रही जांच लॉक डाउन में अटक गई है। 30 जून तक सामान्य यात्री ट्रेनों का संचालन ठप रहेगा। फ्लाइट और बसों के संचालन को लेकर भी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में जांच अब जून के बाद यानी नए सत्र में ही पूरी होने की उम्मीद है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जनवरी के पहले सप्ताह में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। इसमें इग्नू के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव, अमरकंटक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी और गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरएस दुबे को शामिल किया गया था। इस टीम को प्रो. हांगलू पर लगे वित्तीय, प्रशासनिक एवं अकादमिक भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करनी थी। टीम के सदस्य जांच के लिए तीन बार प्रयागराज आए। पहली बार टीम के सदस्यों ने प्रो. हांगलू के खिलाफ लगे आरोपों से संबंधित साक्ष्य मांगे थे।इसके लिए कुलपति कार्यालय में एक शिकायत प्रकोष्ठ भी खोला गया था, जिसमें 50 से अधिक शिकायतें आईं थीं। टीम के सदस्य दोबारा यहां आए और शिकायतों का अवलोकन किया।साथ ही शिकायत कर्ताओं से मुलाकात भी की। शिकायत कर्ताओं से कहा गया था कि वे साक्ष्य भी उपलब्ध कराएं। इसके बाद टीम के सदस्य लौट गए।
टीम के सदस्य जब तीसरी बार 13 व 14 मार्च को प्रयागराज आए तो शिकायतक र्ताओं ने उन्हें साक्ष्य उपलब्ध कराए। जांच टीम ने इविवि प्रशासन को निर्देश दिए कि साक्ष्यों का सत्यापन करा लिया जाए।अगर साक्ष्य सही हैं तो बताया जाए कि इन मामलों में क्या कार्रवाई की गई। टीम के सदस्यों ने कहा कि वे 24 अप्रैल को फिर प्रयागराज आएंगे और जांच को अंतिम रूप देंगे। हालांकि इससे पहले ही कोविड-19 महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ा और देश में लॉक डाउन घोषित कर दिया गया।लॉक डाउन घोषित हो जाने से टीम के सदस्य यहां नहीं आ सके और प्रो. हांगलू के खिलाफ तेजी से चल रही जांच थम गई, जबकि मंत्रालय ने एक माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था।वर्तमान में हालात और बदतर हो गए हैं। यातायात व्यवस्था 30 जून तक सामान्य होने के कोई आसार नहीं हैं। अब जून के बाद ही जांच टीम के प्रयागराज आने की उम्मीद जताई जा रही है और टीम के सदस्य जब तक साक्ष्यों का परीक्षण नहीं कर लेते, तब तक जांच फंसी रहेगी। यानी जांच रिपोर्ट अब अगले सत्र में ही आने के आसार हैं।