शैलेश पाण्डेय, आनन्दनगर ।देश में चल रहे कोरोना वायरस ने लोगों का जीवन ही बदल कर रख दिया है पूरे देश में लॉकडाउन है ऐसी स्थिति में सबसे बड़ी चुनौती पढने वाले बच्चों के लिए है कि वो अपनी पढ़ाई कैसे जारी रखें । सरकार ने आनलाइन शिक्षा के तरफ कदम तो बढ़ाने को जोर दिया है पर ये इवना आसान नहीं है खासकर प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के लिए तो यह बहुत बड़ी समस्या बनकर खड़ी हो गई है वहीं पब्लिक स्कूलों में कहीं कोई चर्चा भी नहीं है फरेन्दा क्षेत्र के लाल वहादुर इंटर कालेज के कक्षा सात की छात्रा कुमारी दिल खुशी ने बताया हमें अनलन शिक्षा के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न हो इसके बारे में कुछ बताया गया इसी विद्यालय की छात्रा कु. काजल व कु. सपना ने कहा कि हमें स्कूल से मैसेज आया था पर हमारे पास मल्टीमीडिया मोबाइल नहीं है फिर कैसे पढ़े क्षेत्र के जूनियर विद्यालय के छात्र वस्न, विकास,सोन साजन कुमार ने बताया कि हम ऑनलाइन पढ़ाई के बारे में नहीं जानते उनके अभिभावक बच्चों के पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं उनका कहना कि हम कापी कलम तो खरीद ही नहीं पाते बड़ा मोबाइल कैसे ले पाएंगे। इस सम्बन्ध में के बड़े बच्चे जरूर आनलाईन पढ़ाई खण्ड शिक्षा अधिकारी हेमन्त कुमार ने को लेकर उत्साहित दिखे। आज कल सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है कि क्षेत्र में कुछ शिक्षक ऑनलाइन शिक्षा का दंभ भरते हुए देखे जा रहे हैं पर कहीं भी धरातल पर यह बधार्थ नहीं साबित हो रहा इसका सबसे बड़ा कारण कि प्राथमिक
- बताया कि बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उन्हें शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन बहुतायत कचों के पास मल्टीमीडिया मोबाइल न होने से वे शिक्षा से वंचित हो रहे है। हमारी कोशिश है कि गांव में भ्रमण करके बच्चों का समूह बनाकर उन्हें गुप से जोड़ा जाए जिससे उनकी पढ़ाई बाधित न
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विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे गरीबों के होते हैं उनके पास एन्ड्राइव मोबाइल नहीं उपलब्ध है फिर उनकी शिक्षा कैसे आगे ब़े इस वारे में जब हमारे एसएनवी संवाददाता ने प्रामीण क्षेत्रों रुख किया तो तो पता चला कि ऑनलाइन पढ़ाई का ग्रामीण क्षेत्रं