नई दिल्ली। पीटीआई
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार से एक जनहित याचिका का जवाब देने को कहा ताकि गरीब बच्चों को मुफ्त लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जा सकें जिससे कि वे लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लासों में उनका उपयोग कर सकें।
जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजीव नरूला की बैंच ने एक एनजीओ 'जस्टिस फॉर ऑल' की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, नगर निगमों और 10 निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों से उनका पक्ष जानने के लिए नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने सभी से 10 जून तक याचिका पर अपने जवाब देने को कहा है।
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील रमेश सिंह ने शिक्षा विभाग की ओर से नोटिस को स्वीकार कर लिया।
Delhi High Court issues notice to the Centre and Delhi Government on plea seeking to provide laptops, Android phones and iPads with high speed internet connection to Economically Weaker Section category students in private schools who are unable to attend online classes
— ANI (@ANI) May 8, 2020
वकील खगेश झा के माध्यम से दायर अपनी याचिका में एनजीओ ने तर्क दिया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के निजी स्कूलों के निर्णय से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) से जुड़े 50,000 से अधिक छात्र प्रभावित होंगे और वे ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए लैपटॉप, फोन और हाई स्पीड इंटरनेट का खर्च नहीं उठा सकते हैं।
याचिका में कहा गया है कि गरीब बच्चों को मुफ्त में लैपटॉप, फोन और हाई स्पीड इंटरनेट मुहैया नहीं कराना संविधान के तहत शिक्षा की गारंटी के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।