प्रयागराज : उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव को अवमानना नोटिस, 15 जुलाई को हाई कोर्ट में सुनवाई
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लखनऊ के सचिव आशुतोष कुमार अग्निहोत्री को अवमानना नोटिस जारी किया है
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लखनऊ के सचिव आशुतोष कुमार अग्निहोत्री को अवमानना नोटिस जारी किया है। नोटिस पर उनसे जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने बस्ती जिले के विवेक कुमार श्रीवास्तव व अन्य की अवमानना याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता एमए मुजीब ने बहस की।गौरतलब है कि ग्राम विकास अधिकारी भर्ती के खाली पदों को भरने की मांग मे दाखिल याचिका पर कोर्ट ने विपक्षी को निर्णय लेने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि मेरिट में नीचे के अभ्यर्थियों को खाली बचे पदों पर चयनित करने पर विचार किया जाय। लेकिन उसका पालन नहीं हुआ। इस पर दाखिल अवमानना याचिका कोर्ट आदेश पालन का अवसर देते हुए निस्तारित कर दी थी। इसके बावजूद आदेश की अवहेलना की गयी तो दोबारा यह याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट ने कहा कि विपक्षी जानबूझकर प्रथम दृष्टया कोर्ट की अवहेलना कर स्वयं को अवमानना अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत दंड पाने के लिए पेश किया है।
विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता को अवमानना केस में नोटिस
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विद्युत वितरण खंड पडरौना, जिला कुशीनगर के अधिशासी अभियंता एसएस श्रीवास्तव को प्रथम दृष्टया अवमानना का दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पूछा है कि जानबूझकर कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर क्यों न उन्हेंं दंड देने के लिए उनके खिलाफ अवमानना आरोप निॢमत किया जाए? कोर्ट ने उनसे एक जुलाई तक स्पष्टीकरण मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने सेवानिवृत्त कर्मी इम्तियाज अहमद की अवमानना याचिका पर दिया है।याची विद्युत विभाग से 31 जनवरी 2009 को सेवानिवृत्त हुआ, उसे प्रोविजनल पेंशन दी जा रही है। कोर्ट ने सातवें वेतन आयोग की संस्तुति के आधार पर बकाया सहित सेवानिवृत्ति परिलाभों के भुगतान पर सकारण आदेश पारित करने का निर्देश दिया। इसी क्रम में अवमानना याचिका कायम की गई। सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि विपक्षी का तबादला कर दिया गया है और उनके स्थान पर नये अभियंता ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। उन्हें पक्षकार बनाया जाए। इस पर कोर्ट ने एसएस श्रीवास्तव को पक्षकार बनाने की अनुमति देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।