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गोरखपुर : गोरखपुर में 18 हजार शिक्षकों के जांचे जाएंगे दस्तावेज, मिल सकती हैं कई 'अनामिका'

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गोरखपुर : गोरखपुर में 18 हजार शिक्षकों के जांचे जाएंगे दस्तावेज, मिल सकती हैं कई 'अनामिका'
  
परिषदीय, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग के स्कूल-कॉलेजों में तैनात हैं इतने शिक्षक

ढंग से जांच हुई तो फर्जी दस्तावेज से नौकरी करने में सैकड़ों जाएंगे जेल, वेतन की वसूली भी होगी

दूसरे के प्रमाणपत्रों पर नौकरी दिलाने के लिए शिक्षा विभाग में सक्रिय है उच्च राजनैतिक तक पहुंच रखने वाला रैकेट

विवेक सिंह, गोरखपुर।फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षा विभाग में नियुक्ति के मामले में जिले के 18 हजार शिक्षकों के  दस्तावेज जांचे जाएंगे। अगर ढंग से जांच हो गई तो जुगाड़ से शिक्षक बने सैकड़ों लोग जेल में होंगे। अब तक दिए गए वेतन की वसूली भी उनसे होगी।खासकर बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। दूसरे के प्रमाणपत्रों पर नौकरी दिलाने के लिए विभाग के अंदर और बाहर एक प्रभावी रैकेट सक्रिय है। जिसकी अधिकारियों के साथ-साथ उच्च राजनैतिक स्तर तक पहुंच है। ऐसे फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई को लेकर योगी सरकार एक्शन में है। एक के बाद एक कई मामले सामने आने के बाद से सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद, माध्यमिक शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग के स्कूल कॉलेजों में अध्यापन करने वाले सभी शिक्षकों के दस्तावेज के दोबारा सत्यापन का फैसला लिया है। फैसले की जद में तीनों ही विभागों में कार्यरत जिले के 18 हजार शिक्षकों के साथ 3300 शिक्षामित्र और 535 अनुदेशक आएंगे।

जांच टीम बनाने की प्रक्रिया शुरू

उधर, किसी अन्य अभ्यर्थी या शिक्षक के दस्तावेज के आधार पर सहायक अध्यापक की नौकरी कर रहे शिक्षकों की जांच लखनऊ से लेकर गोरखपुर एसटीएफ तक कर रही है। बेसिक शिक्षा विभाग भी शिकायत मिलने के आधार पर फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई कर रहा है। इनके अलावा माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी हासिल करने वालों के खिलाफ शिकायत मिलती है तो विभाग की ओर से जांच कराई जाती है।मुख्यमंत्री योगी के निर्देश के बाद से समर्पित टीम को बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जांच में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल करने वाले तमाम शिक्षकों के नाम सामने आने की उम्मीद है। साथ ही जांच के दायरे में वह अधिकारी-कर्मचारी भी आएंगे, जिन्होंने इनके प्रमाणपत्रों को सत्यापित किया है।

बेसिक शिक्षा विभाग

प्राथमिक विद्यालय - 2151
उच्च प्राथमिक- 834
अनुदानित विद्यालय बेसिक- 83
राजकीय विद्यालय -4
कस्तूरबा विद्यालय- 20
कुल शिक्षक - 8500
शिक्षा मित्र - 3300
अनुदेशक - 535

माध्यमिक शिक्षा विभाग

वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय- 347
अशासकीय सहायता प्राप्त - 117
राजकीय माध्यमिक विद्यालय -  21
कुल शिक्षक  - 5500

गोरखपुर विश्वविद्यालय

कॉलेज -347
कुल शिक्षक -3800

शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने क्या कहा

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री श्रीधर मिश्र ने कहा कि फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शिक्षक संघ ने हमेशा विभाग को अपेक्षित सहयोग दिया है। मगर, सत्यापन के नाम पर शिक्षकों का उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए। कुछ फर्जी लोगों की आड़ में पूरे शिक्षक समाज का उत्पीड़न न हो ये सरकार सुनिश्चित करे। शिक्षक संगठन पूरा सहयोग देगा।उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री रंजीत सिंह ने कहा कि जांच के नाम पर हमेशा शिक्षकों को कसौटी पर तौला जाता है। कोई गुरेज नहीं हैं, मगर परेशान किया जाना ठीक नहीं हैं।  सरकार इसका भरोसा भी दिलाए, यथा संभव मदद की जाएगी। इसके साथ ही शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में काम हो ताकि ऐसेे लोग विभाग में नियुक्ति ही ना पा सकें।

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