दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने सभी स्कूलों को 31 जुलाई तक बंद करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को 31 जुलाई तक बंद करने का फैसला किया है। इसकी जानकारी डिप्टी सीएम व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार शाम को दी। उन्होंने बताया कि राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों को 31 जुलाई तक बंद रखने का फैसला किया है।शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने राजधानी में फिर से स्कूल खोलने के मुद्दे पर शिक्षा निदेशालय (DoE) के अधिकारियों के साथ बैठक की। मीटिंग में सभी स्कूलों को 31 जुलाई तक बंद रखने का फैसला किया गया।इससे पहले अनलॉक-1 में भी दिल्ली सरकार ने स्कूलों को अभी नहीं खोलने का निर्णय लिया था। अनलॉक-1 में दिल्ली के लोगों को काफी छूट दी गई थी। सरकार का कहना था कि कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं ऐसे में स्कूलों को खोलना अभी उचित नहीं रहेगा।
*सीबीएसई परीक्षाओं का परिणाम 15 जुलाई तक*
वहीं, 10वीं और 12वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम 15 जुलाई तक घोषित कर दिए जाएंगे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शुक्रवार को यह घोषणा की। परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने आदेश जारी कर कहा कि कोरोना के कारण लंबित पड़ी परीक्षाओं को रद कर दिया गया है। अब परिणामों को वैकल्पिक मूल्यांकन योजना का पालन करते हुए घोषित किया जाएगा। साथ ही 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को अपने प्राप्तांक सुधारने के लिए बाद में परीक्षाओं में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। हालांकि, जो विद्यार्थी परीक्षा में बैठने का विकल्प चुनते हैं, उनके परीक्षा में प्राप्त हुए अंकों को ही अंतिम प्राप्तांक माना जाएगा।10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को सुधार परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। बोर्ड की ओर से घोषित परिणामों को ही अंतिम माना जाएगा। मूल्यांकन योजना बोर्ड परीक्षाओं के पिछले तीन विषयों में छात्रों की ओर से हासिल किए गए अंकों पर आधारित होगी। ऐसे होगा मूल्यांकनजिन छात्रों ने अब तक तीन से ज्यादा पेपर दिए हैं उनके तीन सर्वश्रेष्ठ पेपर का एवरेज निकाला जाएगा और उन्हीं अंकों के आधार पर बचे हुए पेपर में अंक दिए जाएंगे। वहीं, जिन छात्रों ने अब तक तीन पेपर दिए हैं उनके दो सर्वश्रेष्ठ पेपर का औसत निकाला जाएगा और ये अंक बचे हुए पेपर में दिए जाएंगे। जिन छात्रों ने अब तक सिर्फ दो पेपर दिए हैं उनकी प्रायोगिक परीक्षा को मिलाकर औसत निकाला जाएगा। हालांकि बोर्ड के मुताबिक ऐसे बहुत कम छात्र हैं।